उत्तर प्रदेश
अति गंभीर मरीजों की सारथी बनी एएलएस एंबुलेंस सेवा, साढ़े तीन लाख मरीजों को दी निःशुल्क सुविधा
लखनऊ | दुनिया भर के डॉक्टर्स का मानना है कि यदि आपातकाल के दौरान मरीज को सही समय पर इलाज मिल जाए तो लाखों मरीजों की जान बचायी जा सकती है। इसमें सबसे अहम रोल अति गंभीर मरीज को एबुंलेंस सेवा का होता है। इस महत्वपूर्ण तथ्य को योगी सरकार ने आत्मसात करते हुए प्रदेशवासियों को बेहतर और त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2021 में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) सेवा की शुरुआत की। इसके जरिये प्रदेश के विभिन्न जिलों के अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक मरीजों को इलाज के लिए बड़े संस्थानों में शिफ्ट कर उनकी जान बचायी जा चुकी है। इसमें अति गंभीर, रेस्पिरेटरी मरीज और एक्सीडेंट से प्रभावित पेशेंट्स भी हैं।
तीन साल में 3,60,584 मरीजों को दी गई निःशुल्क एएलएस एंबुलेंस की सेवा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही लचर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई बड़े कदम उठाये। आज उसके परिणाम हम सबके सामने हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के छोटे जिले और सुदूर इलाकों के अति गंभीर, रेस्पिरेटरी मरीज और एक्सीडेंट अफेक्टेड पेशेंट्स को गोल्डन ऑवर में बड़े संस्थान में शिफ्ट करके समुचित इलाज उपलब्ध कराने के लिए अगस्त वर्ष 2021 में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी। आज प्रदेश में 250 एएलएस एंबुलेंस सेवा के जरिये अति गंभीर मरीजों को इलाज के लिए विभिन्न जिलों से बड़े संस्थान जैसे एसजीपीजीआई, एम्स, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में सुमचित इलाज के लिए शिफ्ट किया जा रहा है। पिछले तीन साल में ऐसे 3,60,584 मरीजों को इलाज के लिए गोल्डन ऑवर में बड़े संस्थान में शिफ्ट कर इलाज मुहैया कराया गया।
सबसे अधिक रेस्पिरेटरी के 71,238 मरीजों को दिया गया सुविधा का लाभ
एएलएस एंबुलेंस सेवा के जरिये व्हीकल एक्सीडेंट के 63,448 गंभीर पीड़ितों, 17,218 गर्भवती महिलाओं और रेस्पिरेटरी के 71,238 मरीजों को सुविधा उपलब्ध करायी गयी। इसके लिए अलावा अन्य कैटेगरी जैसे वन्य जीव संघर्ष में घायल, विषैले जीव- जन्तु के काटने से जहर से प्रभावित समेत आदि को भी सुविधा का लाभ दिया गया। वहीं, 108 और 102 एंबुलेंस सेवा के जरिये भी मरीजों को निःशुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इन दोनों एंबुलेंस सेवा के जरिये प्रतिदिन 57 हजार से अधिक मरीजों को लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है।
ये हैं एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के फायदे
– एएलएस एंबुलेंस आधुनिक चिकित्सा उपकरण से लैस होती है।
– अति गंभीर मरीज की देखरेख के लिए अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होती है।
– टेलीमेडिसिन के जरिये आवश्यकता पड़ने पर ऑनलाइन डॉक्टर्स से कंसल्टेशन की सुविधा से होती है लेस
– वेंटीलेटर की सुविधा से लैस होती है, हार्ट माॅनिटर और पंप भी रहता है मौजूद
– ईसीजी समेत अन्य आधुनिक उपकरण से लैस है एएलएस
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया, डीएम बोले- स्टूडेंट्स बात करने को तैयार नहीं
प्रयागराज। पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षा दो दिवस में कराने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अडिग रहने और उधर छात्रों के भी बिना एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय आए आयोग के गेट से न हटने के कारण स्थितियां जटिल होती जा रही हैं। प्रदर्शन खत्म करने के लिए डीएम, कमिश्नर और आयोग के सचिव की अपील और दो दिवसीय परीक्षा व नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के पक्ष में दिए जा रहे तर्क छात्रों ने ठुकरा दिए। कहा, एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेंगे तभी आयोग के सामने से हटेंगे।
इसी बीच अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि 4 दिन से धरने पर बैठे छात्रों को पुलिस ने प्रदर्शनस्थल से हटाने की कोशिश की है। सुबह-सुबह तमाम पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में पहुंचे हैं और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है।
प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार बताते हैं कि आयोग और उसका प्रतिनिधिमंडल प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन वो (छात्र) बातचीत करने को तैयार नहीं हैं। प्रयागराज डीएम ने कहा, ‘हमने प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने की कोशिश की। हमने उनसे एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का अनुरोध किया और हम उन्हें आयोग से बात करने के लिए कहेंगे ताकि हम कोई समाधान निकाल सकें। प्रदर्शनकारी छात्र सुनने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। हमने उनसे बार-बार बात करने की कोशिश की है, क्योंकि आयोग और उसका प्रतिनिधिमंडल भी संवाद करने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और संवाद करने के लिए तैयार नहीं हैं।’
प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग क्या है?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की तैयारी कर रहे छात्रों ने बुधवार को प्रयागराज में यूपीपीएससी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन कैंडल मार्च निकाला। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि यूपीपीएससी परीक्षाएं, खास तौर पर प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएं, जैसा कि पहले किया जाता था। उनका मानना है कि इससे प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और अधिक प्रबंधनीय हो जाएगी। विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब यूपीपीएससी ने घोषणा की कि आरओ-एआरओ परीक्षाएं दो दिनों में कई शिफ्टों में आयोजित की जाएंगी।
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