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प्रादेशिक

टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का अवश्य करें पालनः अमित मोहन प्रसाद

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में संक्रमण कम होने के बावजूद, टेस्टिंग कम नहीं की जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,44,002 सैम्पल की जांच की गयी है, 1,29,324 सैम्पल आरटीपीसीआर टेस्टिंग के लिए भेजे गये है। प्रदेश में अब तक कुल 6,52,51,336 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 42 नये मामले आये हैं।

प्रदेश में विगत 24 घंटे में 91 लोग तथा अब तक कुल 16,84,925 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 729 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 440 लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में प्रतिदिन की संक्रमण दर 0.02 प्रतिशत से कम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 3,58,66,292 घरों के 17,24,10,707 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया।

प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में 4,33,110 वैक्सीन की डोज दी गयी है। पहली डोज 3,91,85,216 तथा दूसरी डोज 75,95,764 तथा अब तक कुल 4,67,80,980 डोजें लगायी गयी हैं। उन्होंने बताया कि जिन प्रदेशों में 3 प्रतिशत संक्रमण दर वाले प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले नागरिकों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट या कोविड टीकाकरण जरूरी है, ऐसा न होने पर उन्हें वापस किया जायेगा या आइसोलेशन में रखा जायेगा। सभी लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण का पालन करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करें।

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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