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जेटली को मानसून सत्र में जीएसटी पारित होने का भरोसा
नई दिल्ली| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि उन्हें संसद के मानसून सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो जाने का भरोसा है। जेटली ने यहां इंडियन वूमंस प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) के एक आयोजन में संवाददाताओं से कहा, “मुझे पूरा भरोसा है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी को छोड़कर हर राजनीतिक पार्टी जीएसटी का समर्थन कर रही है।” जेटली ने पहले कहा था कि कांग्रेस यदि जीएसटी को समर्थन नहीं देती है, तो सरकार अगले सत्र में संसद में मतदान के जरिए इसे पारित कराने की कोशिश करेगी। यह पूछने पर कि क्या सरकार को राज्यसभा में समुचित संख्या हासिल हो जाएगी, जेटली ने कहा कि कांग्रेस की सभी क्षेत्रीय सहयोगी पार्टियां जीएसटी का समर्थन कर रही हैं।
जेटली ने कहा, “डीएमके से लेकर एनसीपी तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की हर सहयोगी समर्थन की बात करती है। यदि आप मोटा अनुमान लगाएं, तो मुझे पूरा विश्वास है कि समय आने पर कांग्रेस के लिए इसके विरोध में जाना कठिन हो जाएगा।” उन्होंने कहा, “एआईएडीएमके को छोड़कर सभी क्षेत्रीय पार्टियां विधेयक के समर्थन में हैं।” जेटली ने कहा कि उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से बात की है और यहां तक कि कांग्रेस शासित राज्य भी जीएसटी का समर्थन करते हैं। राज्यसभा की प्रवर समिति ने एक फीसदी अतिरिक्त कर प्रावधान को छोड़कर विधेयक के शेष हिस्से को मंजूरी दे दी है। जेटली ने कहा, “हम राज्यसभा से इस पर विचार करने और बाद में राय बनाने का अनुरोध करेंगे।”
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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