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अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस का नया दांव, पेमा खांडू बने विधायक दल के नेता

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अरुणाचल प्रदेश, शनिवार को फ्लोर टेस्ट, मुख्यमंत्री नबाम तुकी, पेमा खांडू, राज्यपाल तथागत राय, 44 विधायकों का समर्थन

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अरुणाचल प्रदेश, शनिवार को फ्लोर टेस्ट, मुख्यमंत्री नबाम तुकी, पेमा खांडू, राज्यपाल तथागत राय, 44 विधायकों का समर्थन

pema khandu arunachal pradesh

सीएम नाबाम तुकी ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में तेजी से बदलते राजनैतिक घटनाक्रम में शनिवार को फ्लोर टेस्ट के पहले मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस विधायक दल ने पेमा खांडू को अपना नेता चुन लिया है खांडू अब अरुणाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तुकी को आज दोपहर 1 बजे विधानसभा में बहुमत साबित करना था लेकिन उन्‍होंने राज्यपाल को अपना इस्‍तीफा सौंप दिया। खांडू को 44 विधायकों ने समर्थन दिया है। नेता चुने जाने के बाद खांडू ने राज्यपाल तथागत राय से मिलकर 44 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा।

इस्तीफा देते हुए नबाम तुकी ने कहा कि अब राज्य को युवा नेतृत्व की जरूरत है। इसके पहले उन्होंने सुबह 9 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई। जिसमें पेमा खांडू को कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुना गया। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई थी। कांग्रेस के 20 बागी विधायकों ने संकेत दिए थे कि पार्टी यदि नेतृत्व बदलती है, तो वो पार्टी में वापस लौट सकते हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री नाबाम तुकी ने सदन में बहुमत साबित करने के लिए 10 दिनों का वक्त मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें मोहलत देने से इनकार कर दिया था।

राज्यपाल के इस रुख के बाद कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बचाने के लिए नई रणनीति बनाई है, जिसमें तुकी की जगह पार्टी का कोई दूसरा नेता सदन में बहुमत साबित करेगा। दरअसल कांग्रेस के 20 बागी विधायकों ने संकेत दिए हैं कि पार्टी अगर नेतृत्व में परिवर्तन करती है तो वह बगावती तेवर छोड़ पार्टी में वापस लौट सकते हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस विधायकों के अलावा बागी भी पहुंच रहे हैं।

नए नेता का हो सकता है चुनाव

अगर ये विधायक सदन में कांग्रेस का समर्थन करते हैं तो 60 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के पास 35 विधायकों का समर्थन होगा और इस तरह वह आसानी से बहुमत साबित कर लेगी। पार्टी ने अब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है, जहां मुख्यमंत्री नबाम तुकी अपने उत्तराधिकारी के नाम का प्रस्ताव करेंगे। बताया जा रहा है कि उत्तराधिकारी के लिए पेमा खांडू का नाम सामने हैं, लेकिन नेता का चुनाव अंतत: विधायकों की मर्जी से ही होगा।

पूर्व सीएम कलिखो ने समर्थकों के साथ होटल में डाला डेरा

पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल विधानसभा में 43 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। पुल ने इन विधायकों के साथ दो दिनों से गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाल रखा है। कलिखो पुल को कांग्रेस के बागियों और भाजपा के 11 विधायकों का समर्थन हासिल है। अरुणाचल प्रदेश की विधान सभा में 60 विधायक हैं। दो विधायकों के इस्तीफे के बाद कुल 58 विधायक रह गए हैं।

कोर्ट के फैसले के बाद बनीं ये स्थिति

गौरतलब है कि इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए केंद्र की भाजपा सरकार को बड़ा झटका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बहाल करते हुए राष्ट्रपति शासन रद्द कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के बागी किलखो पुल की सरकार की जगह नबाम तुकी ने मुख्यमंत्री के रूप में कामकाज संभाल लिया।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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