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उत्तराखंड

अरुणिमा साहा ने किया देहरादून का नाम रोशन

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अरुणिमा साहा, विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन, देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल

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अरुणिमा साहा, विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन, देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल

ARUNIMA SAHA DEHRADUN

देहरादून। देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 6 की छात्रा अरुणिमा साहा ने विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन द्वारा इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त किया, छात्रा को कांस्य पदक एवं नगद राशि से सम्मानित किया गया। विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड, साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) के द्वारा ओलंपियाड के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए दिल्ली के लोधी रोड स्थित चिन्मय मिशन ऑडिटोरियम में एक समारोह का आयोजन किया गया।

ओलंपियाड परीक्षा 2015-2016 में भारत के 28 राज्यों के 1400 शहरांे से 34000 स्कूलों के 45 लाख छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। जिसमें देहरादून से 25 हजार छात्र-छात्राओं ने ओलंपियाड परीक्षा में भाग लिया। अन्य देशों में सिंगापुर, दुबई, यू.ए.इ., मलेशिया, जापान के स्टूडेंट्स ने भी परीक्षा में भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सायरिक जोसेफ ने कहा की ‘तरक्की के लिए होसला होना जरुरी है लेकिन अपनी कमियों को पहचानना एवं जीवन में महत्वकांक्षी होना और अपनी सोच में गुणवत्ता लाना भी जरूरी है।

कार्यक्रम में एसओएफ के संस्थापक एवं एज्जीक्यूटिव डायरेक्टर महाबीर सिंह ने कहा की इंटरनेशनल रैंक के अलावा छः हजार स्कूलों के लगभग 79 हजार छात्रों को राज्य स्तर पर रैंक प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया है और करीब छः लाख छात्र-छात्राओं को भी सर्टिफिकेट दिए जायेंगे। ओलंपियाड के लिए प्रेरित करने के लिए 1500 प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को भी साइंस ओलंपियाड की ओर से सम्मानित किया जायेगा।

महाबीर सिंह ने कहा कि साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन चार भागों में एग्जाम  कंडक्ट करता है। जिसमें शामिल है नेशनल साइंस ओलंपियाड, नेशनल साइबर ओलंपियाड, इंटरनेशनल गणित ओलंपियाड, इंटरनेशनल इंग्लिश ओलंपियाड। उन्होंने कहा कि ‘एसओएफ ने कुछ नए कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।

इनमें गल्र्स चाइल्ड स्कॉलरशिप स्कीम के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की 300 प्रतिभाशाली बच्चियों को वार्षिक स्कॉलरशिप, अंग्रेजी भाषा में शानदार प्रदर्शन करने वाले 120 छात्रों को नकद स्कॉलरशिप प्रदान करना, छात्रों को कंप्यूटिंग प्रोग्राम में शामिल होने के लिए सिंगापुर भेजना आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इस मौके पर अरुणिमा साहा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सायरिक जोसेफ मुख्य अतिथि और प्रोफेसर वाई.एस. राजन, गणमान्य प्रोफेसर इसरो पूर्व अध्यक्ष एनआईटी मणिपुर, माइकल किंग डायरेक्टर  एक्समिनेशन  ब्रिटिश  कौंसिल विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद थे।

 

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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