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मुख्य समाचार

लगता है फिर माफी मांगने का समय आ गया

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प्रचंड ब‍हुमत पाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम खिलंदड़ेपन की राजनीति से बाज नहीं आ रही है। कहते हैं संघर्ष के बाद जब सफलता मिलती है तो सफलता पाने वाले उसकी महत्‍ता समझते हैं। बिना कोई खास संघर्ष किए अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी हुड़दंगी टीम को जो सफलता दिल्‍ली की जनता ने दे दी उसकी महत्‍व उन्‍हें नहीं समझ में आ रहा है। सही भी है अगर बंदर के हाथ उस्‍तरा लग जाय तो वो अपना ही बदन लहूलुहान कर डालता है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी के लोगों ने अपनी स्थिति ऐसे ही बंदर जैसी कर ली है। बिना किसी तथ्‍य के आरोप लगाना और फिर उसको साबित न कर पाने पर माफी मांगना अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों की नियति बन चुकी है। पूर्व में नितिन गडकरी के मामले में ऐसा ही हुआ था।सच्‍चाई तो यह है कि जिस डीडीसीए घोटाले की बात अरविंद केजरीवाल और भाजपा के ‘जयचंद’ कीर्ति आजाद कर रहे हैं उससे दूर-दूर तक अरूण जेटली व उनके किसी पारिवारिक सदस्‍य का लेना देना नहीं है।

उक्‍त तथाकथित भ्रष्‍टाचार के मामले में गंभीर जालसाजी जांच कार्यालय (SFIO Serious Fraud Investigation Office) पहले ही अरूण जेटली को क्‍लीन चिट दे चुका है वो भी उनके धुर विरोधियों की सरकार में। सर्वविदित है कि यह संगठन भारत सरकार के अधीन कार्य करता है और जब मामले की जांच इसको मिली थी उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। वैसे भी अरूण जेटली का राजनीतिक जीवन इतना बेदाग रहा है कि उनके विरोधी भी उनपर भ्रष्‍टाचार के आरोप को सही नहीं मानते। यही कारण है कि केजरीवाल की खिलंदड़ी टीम को इस मामले पर संपूर्ण विपक्ष का साथ नहीं मिल पाया।

हकीकत तो यह है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ एक आंदोलन के नाम पर अप्रत्‍याशित रूप से दिल्‍ली की सत्‍ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी अब अपने आंदोलन से दूर होती नजर आ रही है। एक भ्रष्‍टाचार के आरोपी अधिकारी को बचाने की कवायद पार्टी के असली चेहरे को उजागर कर रही है लेकिन भ्रष्‍टाचार के आरोपी अपने प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के आफिस पर पड़े सीबीआई छापे से तिलमिलाए अरविंद केजरीवाल ने अरूण जेटली पर आरोप लगाने की जो उल्‍टी चाल चली है वो लगता है उनको भारी पड़ेगी। आप नेताओं के येन केन प्रकारेण चर्चा में बने रहने की इच्‍छा उनको ले डूबेगी। आप नेता यह सोचते हैं कि देश के बड़े नेताओं पर आरोप लगा देने से जनता की नजरों में वे हीरो बन जाएंगे। इसीलिए सीबीआई छापों पर केजरीवाल ने सीधे नरेंद्र मोदी को ललकारा लेकिन जनता सब समझती है।

डीडीसीए विवाद पर लोकसभा में बोलते हुए अरूण जेटली ने बताया कि हमारे कार्यकाल के दौरान 42हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला स्‍टेडियम 114 करोड़ में बनकर तैयार हुआ जबकि कांग्रेस जब सत्‍ता में भी तो उसने जवाहरलाल नेहरू स्‍टेडियम के सिर्फ जीर्णोद्धार में 900करोड़ रूपये खर्च किए थे। इसके बाद मामला उठाने वाले कांग्रेसी सांसद सहित पूरी पार्टी चुप हो गई। भ्रष्‍टाचार का पर्याय बन चुकी कांग्रेस के ऐसे भ्रष्‍टाचार को नजरअंदाज करने से भी लगता है कि केजरीवाल कांग्रेस जैसी भ्रष्‍टाचारी पार्टी से मिले हुए हैं क्‍योंकि यही केजरीवाल कहते थे कि जब सत्‍ता में आऊंगा तो भ्रष्‍टाचार के मसले पर शीला दीक्षित को जेल भिजवाऊंगा, मेरे पास बहुत सुबूत हैं।अब वे सारे सुबूत कहां गए यह भी एक जांच का विषय है। अरूण जेटली ने केजरीवाल सहित उनकी टीम के पांच सदस्‍यों पर मानहानि का केस दायर कर दिया है अब कोर्ट क्‍या फैसला देता है यह तो समय की बात है लेकिन अच्‍छा हो यदि केजरीवाल और उनकी बचकानी हरकतों वाली टीम अब भी सुधर जाय एवं दिल्‍ली की जनता के लिए कुछ काम करे।

 

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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