प्रादेशिक
विधानसभा चुनाव : असम में पहले चरण का मतदान शुरू
गुवाहाटी| असम में सोमवार सुबह सात बजे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 65 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया। अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न आयुवर्ग के लोग अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद मतदान केंद्रों से बाहर आते दिखे।
मतदान राज्य के 17 राजस्व जिलों में फैले 12,190 मतदान केंद्रों पर होगा। ये मतदान केंद्र मुख्यत: ऊपरी असम, ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे और बराक घाटी में स्थित हैं।
राज्य के अधिकांश मतदान केंद्रों के सामने मतदाताओं की लंबी कतारें देखीं गईं।
कुल 95,11,732 मतदाता मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और माजुली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल सहित 539 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इन मतदाताओं में 45,95,712 महिलाएं हैं। गोगोई तितबर निर्वाचन क्षेत्र से खड़े हुए हैं।
पहले चरण में कुल 12,190 मतदान केंद्रों में से 78 पूरी तरह से महिला मतदान केंद्र हैं। इनका पूरा जिम्मा महिला अधिकारियों के कंधे पर है।
इसके अलावा 134 मॉडल मतदान केंद्र हैं, जिनमें मेडिकल टीम, भोजनालय व अन्य सुविधाएं हैं।
इन मॉडल मतदान केंद्रों में माताओं के साथ आने वाले बच्चों को फ्री टॉफियां भी दी जाएंगी।
असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष व राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान हो रहा है, उन पर पार्टी को बहुमत मिलेगा।
सोनोवाल ने माजुली के गोर्मुर में एक मतदान केंद्र पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हम देख सकते हैं कि राज्य में लोग एक बदलाव के लिए तड़प रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि वह इस बदलाव के लिए हमें वोट देंगे।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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