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अटल बिहारी वाजपेयी कांग्रेस को समर्थन देने के लिए हो गए थे राजी, रखी थी छोटी सी शर्त
नई दिल्ली। क्या एक दूसरे के धुर-विरोधी दल एक साथ आ सकते हैं? अगर यह सवाल किसे से पूछा जाए तो बिना देर किए उसका जवाब ‘नहीं’ होगा। लेकिन एक समय ऐसा आ गया था जब बीजेपी कांग्रेस को समर्थन करने के लिए राजी हो गई थी। आपको सुनकर थोड़ा अजीब लगा होगा लेकिन सच्चाई तो यही है।
‘द लल्लनटॉप’ के आर्टिकल के मुताबिक एक समय ऐसा आ गया था कि अटल बिहारी वाजपेयी कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार हो गए थे। यह वह दौर था जब कोई भी दल स्थिर सरकार नहीं दे पा रही थी। ऐसे में अटल ने देश को दल से उपर रखा और कांग्रेस का समर्थन कर देश को स्थाई सरकार देने की पहल की।
वाजपेयी नरसिंहा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह से खासा प्रभावित थे। वो चाहते थे कि अगर बीजेपी स्थाई सरकार के लिए कांग्रेस का समर्थन करे तो मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। इसके लिए उन्होंने एक बार अपने विश्वासपात्र आर.वी. पंडित को संवादिया बनाकर मनमोहन के पास भेजा था।
पंडित ने खुद अपने लेख में इस बात का खुलासा किया था कि वाजपेयी ने लालकृष्ण आडवाणी से सलाह मशवरा करके उन्हें मनमोहन सिंह के पास एक प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनकर स्थाई सरकार बनाने की कोशिश करें तो हम आपको समर्थन करने के लिए तैयार हैं। लेकिन मनमोहन ने यह कहते हुए बात टाल दी थी कि पार्टी इस बात के लिए कभी राजी नहीं होगी।
वाजपेयी की यह बात दर्शाती है कि वह देश को किसी भी दल या पार्टी से उपर रखते हैं। वह देश के लिए अपने धुर-विरोधियों से भी हाथ मिलाने को तैयार थे। शायद यही बातें अटल को मौजूदा समय के नेताओं से अलग कर सबसे आगे खड़ा करती है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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