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युवा ही तय कर सकता है समाज और राष्ट्र की दिशाः बजरंग दल
अयोध्या। जिस प्रकार से हनुमान जी ने भगवान श्रीराम के प्रत्येक कार्यो को अपना लक्ष्य माना। ठीक उसी प्रकार से बजरंग दल के युवा हनुमान जी को अपना आदर्श मानकर समाज और राष्ट्र को उच्च शिखर पर आसीन करने के लिए सदैव तत्पर रहें। युवा ही समाज और राष्ट्र की दिशा तय कर सकता है। आज धर्म एवं राष्ट्र विरोधी शक्तियां जिस प्रकार से सक्रिय हैं उनके कार्यो पर अगर कोई लगाम लगा सकता है तो वह बजरंग दल के कार्यकर्ता ही कर सकते है। यह विचार कारसेवकपुरम में चल रहे बजरंग दल के प्रान्तीय प्रशिक्षण वर्ग में आये हुए प्रशिक्षार्थियों को सम्बोधित करते हुए बजरंग दल के प्रान्तीय संयोजक राकेश वर्मा ने व्यक्त किया।
कारसेवकपुरम में आयोजित 7 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में अवध प्रान्त के 25 जिलों से उपस्थित 125 प्रशिक्षार्थी प्रतिदिन विभिन्न सत्रों में योग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वर्ग का उद्घाटन विश्व हिन्दू परिषद के अखिल भारतीय सत्संग प्रमुख बसन्त रथ जी ने किया। उन्होंने युवाओं को सत्संग के माध्यम से आध्यात्म से जुडने का आहवान किया। उन्होंने कहा बजरंग दल हनुमान जी को अपना आदर्श मानता है इसलिए प्रत्येक मंगल व शनिवार युवाओं को मठ-मंदिरों में सामूहिक एकत्र होकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
इससे पूर्व बजरंग दल के प्रान्तीय संयोजक ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण, गौरक्षा तथा धर्मान्तरण से घर वापसी तक बजरंग दल सदैव युवाओं को साथ में लेकर संत-धर्माचार्यो के आहवान पर संघर्श करता रहेगा। सेवा, सुरक्षा व संस्कार को अपना ध्येय मानने वाला प्रत्येक बजरंगी राष्ट्र और समाज के प्रति जागरूक बने यही वर्ग की प्रासांगिकता होगी। इस अवसर पर महंत बृजमोहन दास, महंत राजू दास, प्रान्त सह संगठन मंत्री भोलेन्द्र, प्रान्त सह मंत्री जितेन्द्र शास्त्री, मुख्य शिक्षक महेश तिवारी, चन्द्रभान सिंह चाचा, शिव शंकर सिंह, रामलाल जायसवाल, महेश मिश्र, विभाग संगठन मंत्री राजेन्द्र आदि उपस्थित रहे।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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