प्रादेशिक
पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण का मतदान जारी
कोलकाता| पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में चार जिलों की 62 सीटों पर मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।
तीसरे चरण के मतदान के तहत मुर्शिदाबाद में 22 सीटों, नादिया में 17, बर्दवान जिलों में 16 और उत्तरी कोलकाता में सात सीटों पर मतदान हो रहे हैं। बर्दवान में आज दूसरे और अंतिम दौर के लिए मतदान हो रहे हैं, जबकि नौ सीटों पर 11 अप्रैल को अंतिम मतदान प्रक्रिया होगी।
इन निर्वाचन क्षेत्रों में 16,461 मतदान केंद्रों पर 1.37 करोड़ से अधिक (1,37,42,000) मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 10 सहायक बूथ भी हैं।
गौरतलब है कि पांच साल पहले 62 सीटों पर हुए विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 45 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसमें से तृणमूल की 29 और कांग्रेस की 16 सीटों पर जीत हुई थी।
वामपंथी मोर्चे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 14, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 1-1 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इस चरण के तहत राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
वामपंथी मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं।
इस चरण में मतदाताओं के लिहाज से नादिया का रानाघाट दक्षिण सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है। क्षेत्रफल के हिसाब से बर्दवान का ओसग्राम सबसे बड़ा जिला है। उत्तरी कोलकाता का श्यामपुकर में मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है।
तीसरे चरण के मतदान के तहत बड़े-बड़े नाम चुनावी मैदान में उतरें हैं। इसमें तृणमूल के रबिरंजन चट्टोपाध्याय, शशि पंजा, साधन पांडे, सुब्रत साहा, पूर्व राज्य मंत्री और माकपा उम्मीदवार अनिसुर रहमान और देबाश दास, कांग्रेस विधायक मोहम्मद सोहराब, पूर्व राज्य पार्टी अध्यक्ष सोमेंद्रनाथ मित्रा और भाजपा से रितेश तिवारी हैं।
चुनावी मैदान में उतरे 418 उम्मीदवारों में से 61 करोड़पति हैं। 80 को खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि इनमें से 65 के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर आपराधिक मामलें दर्ज हैं।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में छह चरणों में मतदान हो रहे हैं। बाकी बचे चरणों में 25, 30 अप्रैल और पांच मई को मतदान होंगे।
IANS News
महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद
प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।
मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र
इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।
पलक झपकते काम करेगी तकनीक
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।
फोटो से मिलान करेगा एआई
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।
पहचान का देना होगा प्रमाण
जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।
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