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…तो इसलिए नहीं मान रहे विभागीय अफसर जेलमंत्री की बात

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अखिलेश मंत्रिमंडल, कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, वाराणसी जेल का निरीक्षण, बलवंत सिंह रामूवालिया का हटना तय

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अखिलेश मंत्रिमंडल, कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, वाराणसी जेल का निरीक्षण, बलवंत सिंह रामूवालिया का हटना तय

सदन का सदस्य नहीं होने से दो दिन बाद हटाए जा सकते रामूवालिया

राकेश यादव

लखनऊ। अखिलेश मंत्रिमंडल के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया के मंत्री पद को लेकर अनिश्चितता बरकरार है, वहीं विभागीय अफसरों में चर्चा है कि किसी भी सदन का सदस्य मनोनीत नहीं होने की वजह से इनका हटना लगभग तय है। बताते चलें कि जेलमंत्री फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं है और दो दिन बाद मंत्री पद पर इनकी तैनाती को छह माह पूरे हो जाएंगे। सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के यूपी के सिख्खों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने एवं पूर्व में केंद्र में साथ में रहने वाले पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया को प्रदेश की अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया था। 31 अक्टूबर को श्री रामूवालिया को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। शपथ ग्रहण करने के दौरान रामूवालिया किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। सदन का सदस्य होने की समयावधि समाप्त होने की तारीख के नजदीक आते ही विभागीय अफसरों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। विभागीय अफसरों में चर्चा है कि रामूवालिया को जिस काम के लिए जोड़ा गया था वह उसमें खरे नहीं उतरे इस वजह से उन्हें तरजीह नहीं दी जा रही है।

वाराणसी निरीक्षण के बाद दिए निर्देशों का नहीं किया अफसरों ने अनुपालन

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि पिछले एक माह से उनके हटने की चर्चा को देखते हुए विभागीय अफसरों ने भी उनकी बातों को अनसुना करना शुरू कर दिया। दो अप्रैल को वाराणसी जेल में बंदियों के बवाल के बाद जेलमंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने वाराणसी जेल को दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जेल में अवैध वसूली और बंदियों के उत्पीड़न की शिकायतों की पुष्टि होने पर उन्होंने विभागीय अफसरों पर सख्ती की। इस सख्ती को नजरअंदाज कर अफसर अपनी पुरानी कार्यशैली से ही काम करने में जुटे रहे। नतीजा सामने है। मंगलवार को वाराणसी जिला जेल की तर्ज पर ही देवरिया जिला जेल में बंदियों ने बवाल काट दिया। वाराणसी की तरह देवरिया जेल भी करीब छह घंटे तक बंदियों के कब्जे में रही। आक्रोशित बंदियों को नियंत्रित करने के लिए जेल प्रशासन को जिला प्रशासन की मदद लेनी पड़ी। विभागीय अफसरों में कयास लगाए जा रहे है कि सदन का सदस्य बनने की समयावधि बीतने में अब मात्र तीन दिन का समय ही शेष बचा है। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल वर्तमान समय में राज्य से बाहर है उनकी दो दिन बाद वापसी की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में एक दिन में बलवंत सिंह रामूवालिया के किसी सदन का सदस्य बनने की संभावना कम ही नजर आ रही है। विभागीेय अफसरों में चर्चा है कि जेलमंत्री का हटना लगभग तय है। इस बाबत जब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो बताया कि वह कार्यक्रम में व्यस्त है बात में बात हो पाएगी। 

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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