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उत्तर प्रदेश

‘ताजमहल’ पर लगाए जा रहे बार कोड, पर्यटकों की भलाई के लिए उठाया कदम; होगा ये फायदा

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Bar code being installed on Taj Mahal

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आगरा। ताजनगरी आगरा स्थित ताजमहल पर पर्यटकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। हैंडीक्राफ्ट शोरूम व दुकानों पर बिक्री के लिए रखे उत्पादों पर बार कोड को अनिवार्य किया गया है। संगमरमर या अलाब्लास्टर (खड़िया पत्थर) से बने ताजमहल के माडल हों या पच्चीकारी युक्त फ्लावर पाट, टी कास्टर, प्लेट, टेबल टाप सभी पर बार कोड लगा नजर आ रहा है।

ताजमहल देखने प्रतिदिन आते हैं कितने लोग

ताजमहल देखने प्रतिदिन लगभग 25 हजार भारतीय और विदेशी पर्यटक आते हैं। ताजमहल के दीदार की यादों को संजोए रखने के लिए वह हैंडीक्राफ्ट उत्पाद साथ ले जाते हैं। ताजमहल के पूर्वी व पश्चिमी गेट, ताजनगरी, फतेहाबाद रोड पर 250 से अधिक हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम और दुकानें हैं। पूर्व में हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम संचालक और दुकानदार उत्पादों पर प्राइस टैग नहीं लगाते थे।

उत्पादों की कीमत कई गुणा बढ़ाकर बताकर पर्यटकों को ठगा जाता था। तीन माह पूर्व प्रशासन द्वारा हैंडीक्राफ्ट की दुकानों व एंपोरियम में प्राइस टैग को अनिवार्य किया गया था। अब प्राइस टैग के स्थान पर बार कोड लगवाए जा रहे हैं। एंपोरियम संचालकों और दुकानदारों को इसके लिए पूरा सेटअप लगाना पड़ा है। उत्पाद पर बार कोड लगाने के साथ ही उन्हें कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर की व्यवस्था करनी पड़ी है।

प्राइस कंट्रोल के लिए लगवाए गए बार कोड

एसडीएम मुख्यालय अभय सिंह ने बताया कि प्राइस कंट्रोल के लिए बार कोड लगवाए गए हैं। प्राइस टैग आसानी से बदलकर भारतीय व विदेशी पर्यटकों को अलग-अलग मूल्य बताया जाता था। बार कोड को स्कैनर से स्कैन करना होगा, जिससे उसे बदलना संभव नहीं होगा। मंडलायुक्त का भी बार कोड लगवाने का विजन था। इससे पर्यटकों से ठगी रुकेगी।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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