पंजाब
16 जुलाई को हाईलेवल मीटिंग करेंगे भगवंत मान, 16वें वित्त आयोग के दौरे को लेकर बनेगी रणनीति
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 16 जुलाई को एक हाईलेवल मीटिंग करेंगे। बताया जा रहा है कि पंजाब में 16वां वित्त आयोग दौरे पर आएगा। इस दौरान आयोग के सदस्य 22 व 23 जुलाई को पंजाब में रहेंगे। इस दौरे को लेकर पंजाब सरकार द्वारा रणनीति भी बनानी शुरू कर दी गई है।
सी.एम. मान द्वारा हाई लेवल मीटिंग की जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। इस दौरन वित्त मंत्री हरपाल चीमा भी मौजूद रहेंगे। मिली जानकारी के अनुसार वित्त आयोग के सामने एक मजबूत प्रेजेंटेशन रखने की तैयारी की जा रही है, जिसमें पंजाब सरकार रोकी गई राशि से लेकर जरूरतों का ब्यूरो पेश करेंगी। गौरतलब है कि पंजाब में करीब 3.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है और 23 हजार करोड़ रुपए ब्याज चुकाने में खर्च हो रहे हैं। इस मीटिंग दौरान राजकोषीय गारंटी देने की मांग की जा सकती है और रोके गए फंड का मुद्द भी उठाया जाएगा।
आयोग के साथ होने वाली मीटिंग में जीएसटी लागू होने के आय के सभी स्त्रोत केंद्र के पास जाने का मुद्दा भी उठाया जाएगा। बताया जाएगा कि पंजाब सरकार को घाटा हो रहा है और आय का कोई सेक्टर नहीं है। इसके अलावा इसमें प्रेजेंटेशन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन फंड के 650 करोड़ रुपए, आरडीएफ के 6700 करोड़ रुपए, विशेष पूंजा सहायता के 1600 करोड़ रुपए शामिल हैं। केंद्रीय वित्त आयोग देश का सबसे बड़ा ताकतवर आयोग माना जाता है। आयोग का काम केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थिति का मुल्कांकन करना और टैक्स के बंटवारे की सिफारिश व राज्यों के बीच टैक्स की रूप रेख तय करना होता है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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