पंजाब
पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए बड़ा एलान, फायर सेफ्टी टीम में भर्ती की प्रक्रिया में मिलेगी विशेष छूट
चंडीगढ़। पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए बड़ा एलान किया गया है। इस बैठक में पंजाब फायर सेफ्टी एक्ट में संशोधन पर मुहर लग गई है। फायर सेफ्टी में महिलाओं की भर्ती में रियायत का फैसला लिया गया। परिमिशन की मियाद बढ़ाई गई है। अब एनओसी 1 साल की नहीं बल्कि 3 साल की होगी।
मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि फायर सेफ्टी टीम में भर्ती की प्रक्रिया में महिलाओं को विशेष छूट दी जाएगी। पंजाब सरकार चाहती है कि इस डिपार्टमैंट में भी अधिक से अधिक महिलाएं भर्ती हो सकें। उन्होंने कहा कि काफी समय से पुराने नियम लागू थे तो आने वाले समय में नए नियम लागू किए जाएंगे, ताकि महिलाओं की भर्ती आसान हो सके।
इस दौरान मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि आजकल परिवारों में काफी झगड़े, आपसी विवाद हो रहें। फैमिली कोर्ट में परिवारों को आपस में बैठा कर इनका समझौता करवाया जाता है, इसी के चलते फैमिली कोर्ट के काउंसल का भत्ता 75 रुपए से 600 रुपए बढ़ाए गए हैं। आज की इस कैबिनेट मीटिंग में काउंसलर के भत्ते को बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है। सरकार का कहना है कि आज कल बहुत से केस फैमिली कोर्ट में आ रहे हैं, जिस कारण काउंसलर का बोझ बढ़ रहा है। इसलिए उनका भत्ता 75 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए करने का अहम फैसला लिया गया है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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