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प्रादेशिक

बिहार : सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खाना पकाने, हवन पर रोक

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बिहार : सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खाना पकाने, हवन पर रोक

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बिहार : सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खाना पकाने, हवन पर रोक

पटना| बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने ग्रामीण इलाकों में सुबह नौ बजे के बाद और शाम छह बजे से पहले खाना न पकाने और पूजा-हवन न करने की सलाह दी है। विभाग ने गेहूं का भूसा और डंठल भी जलाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

गर्मी की वजह से राज्य में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ऐसा किया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग ने गर्मी की वजह से राज्य में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण के लिए जारी परामर्श में कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन करने से यदि आग लगती है, तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में इस परामर्श के क्रियान्वयन के लिए कारगर कदम उठाए जाएं।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि राज्य में आग लगने की घटनाओं की समीक्षा में पाया गया है कि ज्यादातर घटनाएं चूल्हे की आग या पूजा-पाठ के बाद किए गए हवन से निकलने वाली चिंगारी से हुई हैं। खेतों में गेहूं का भूसा और डंठल जलाने के कारण भी आग लगने की कुछ घटनाएं हुईं हैं।

औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को हवन से निकली चिंगारी से एक घर में आग लग गई और इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई थी।

विभाग के मुताबिक, राज्य में पिछले एक महीने के दौरान कम से कम 50 लोगों की मौत आग लगने की घटनाओं में हुई है, जबकि 70 से ज्यादा पशुओं ने दम तोड़ दिया है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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