प्रादेशिक
बिहार में सरकार बेचेगी विदेशी शराब
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही राज्य में एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी हो, मगर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा जारी एक पत्र से स्पष्ट है कि सरकार अब खुदरा शराब भी खुद बेचेगी और अगले साल अप्रैल से सिर्फ देसी शराब पर प्रतिबंध लगाएगी।
विभाग के उत्पाद आयुक्त द्वारा 15 दिसंबर को पत्रांक 3826 से जारी की गई चिट्ठी से स्पष्ट है कि नए वित्तीय वर्ष से बिहार स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन (बीएसबीसीएल) खुदरा में भी विदेशी शराब बेचने की योजना बना ली है। उत्पाद विभाग ने खुदरा विदेशी शराब की दुकान और गोदाम के लिए जमीन खोजने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। उत्पाद आयुक्त द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि जिले में जहां भी सरकारी जमीन उपलब्ध है, वहां बीएसबीसीएल को गोदाम और दुकान के लिए उपलब्ध कराएं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में बीएसबीसीएल शराब की थोक ब्रिकी करता है। कॉरपोरेशन ने भी सुरक्षा गार्ड और कर्मियों की नियुक्ति के लिए 15 दिसंबर को निविदा जारी किया है। पिछले दिनों शराबबंदी पर संशय को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि राज्य में शराबबंदी को लेकर कोई ‘कन्फ्यूजन’ नहीं है। शराबबंदी अभी नहीं, अगले साल अप्रैल से लागू होगी।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्पाद आयुक्त के पत्र के सामने आने पर कहा कि सरकार शराबबंदी की घोषणा को लेकर अब पीछे हट रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार की कथनी और करनी में फर्क साफ दिख रहा है। मुख्यमंत्री कुछ बोल रहे हैं जबकि उनके अधिकारी कुछ और कर रहे हैं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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