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प्रादेशिक

बिहार के गया में नक्सलियों ने उड़ाया स्कूल

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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पटना। बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार की रात नक्सलियों ने एक सरकारी स्कूल भवन में विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि रात में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के एक हथियारबंद दस्ते ने सोनदाहा गांव में धावा बोल दिया और वहां स्थित मध्य विद्यालय के भवन में विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक इस घटना में विद्यालय भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस विद्यालय भवन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का अस्थायी कैंप बनाया गया था। इस साल छह फरवरी को वह कैंप यहां से हटाया गया था।

बांकेबाजार के थाना प्रभारी संजय कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन कर रही है तथा नक्सलियों के खिलाफ छापेमारी अभियान प्रारंभ कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

विशेष ट्रैक सूट में श्रद्धालुओं की मदद को तत्पर रहेंगे ड्राइवर, नाविक और गाइड

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प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी जोरों पर है। इसके अंतर्गत आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए प्रशासन ने कुछ नई पहल की हैं। खासतौर से कुंभ मेले में कार्यरत ड्राइवर, नाविक, गाइड और ठेला संचालकों को विशेष तरह के ट्रैक सूट पहनाने की योजना बनाई गई है। इससे ना केवल इन्हें पहचानना आसान होगा, बल्कि पर्यटकों को भी इनसे सहायता प्राप्त करने में भी सुविधा होगी।

विशेष पहचान के लिए विभिन्न रंग

चारों श्रेणियों के लिए विशेष ट्रैक सूट तैयार किए जा रहे हैं। प्रशासन ने यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया है कि मेले में भीड़भाड़ के दौरान यात्रियों को आवश्यक सेवाएं सहजता से मिल सकें। ड्राइवरों, नाविकों, गाइडों और ठेला संचालकों के लिए अलग अलग प्रकार के ट्रैक सूट निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार, हर श्रेणी की अपनी एक विशिष्ट पहचान होगी, जिससे यात्री आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

प्रतीक चिन्ह से होगी पहचान

प्रत्येक ट्रैक सूट पर कुंभ और पर्यटन विभाग का प्रतीक चिन्ह अंकित होगा। यह संबंधित व्यक्ति की पहचान को दर्शाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता में पारदर्शिता बनी रहेगी। प्रशासन का मानना है कि इस नई व्यवस्था से मेले में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था और यात्री समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकेगा।

सुविधा और सुरक्षा की दिशा में एक कदम

महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित रखना एक चुनौती होती है। ट्रैक सूट योजना का उद्देश्य यात्रियों को सहजता और सुविधा प्रदान करना है। पर्यटन विभाग का मानना है कि इस पहल से न केवल पर्यटकों की सहूलियत में इजाफा होगा, बल्कि उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

महाकुंभ 2025 में ड्राइवर, नाविक, गाइड और ठेला संचालकों को ट्रैक सूट प्रदान किए जाएंगे। इन ट्रैक सूट पर पर्यटन और कुंभ का लोगो भी अंकित होगा। ये बदलाव विशेष आकर्षण होंगे, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे।
अपराजिता सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी

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