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प्रादेशिक

बिहार की नदियां उफान पर, करीब 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

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बिहार की नदियां उफान पर, करीब 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

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बिहार की नदियां उफान पर, करीब 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावितपटना| नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो रही है। राज्य के आठ जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है और करीब पांच लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सरकार बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने में जुटी गई है। राज्य की प्रमुख नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के 1300 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है, जबकि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता रामाशीष सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि दोपहर 12 बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.58 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 3़14 लाख क्यूसेक था। उन्होंने बताया कि कोसी के जलस्तर और वृद्धि की आशंका है।

सिंह ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, ढेंग, बेनीबाद और सोनाखान में, जबकि महानंदा ढेंगराघाट व झावा में खतरे के निशान से उपर बह रही है। कमला बलान नदी भी झंझारपुर में खतरे के निशान को उपर बह रही है। ।

राज्य में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार एवं सुपौल जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। कई इलाकों को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि सीतामढ़ी, शिवहर, सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।

आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्घ कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं। बाढ़ से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए 338 सरकारी तथा 203 निजी नावों की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित 96235 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। विभिन्न जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 194 राहत शिविर भी बनाए गए हैं।

बाढ़ प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक आठ जिलों के 34 प्रखंडों की 210 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें 162 ग्राम पंचायतों के 1324 गांव पूर्णरूपेण जलमग्न हैं। इन गांवों के करीब पांच लाखों का जीना दूभर हो गया है। बाढ़ से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, राज्य सरकार ने पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली जिले में बाढ़ के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिए हैं।

उत्तर बिहार का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। नदियों के जलस्तर में भारी वृद्घि के कारण तटबंधों पर भारी दबाव हो गया है। कई जगहों पर तटबंध दरकने लगे हैं। जल संसाधन विभाग ने सभी अभियंताओं को तटबंधों की पूरी निगरानी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही दरक रहे तटबंधों की युद्घस्तर पर मरम्मत करने के आदेश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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