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जानें आखिर सलमान खान को सजा दिलाने के पीछे रहा किसका हाथ, कौन हैं ये लोग

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बॉलीवुड के ‘दबंग खान’ सलमान को सजा दिलाने के लिए बिश्नोई समाज ने पीछा नहीं छोड़ा। ‘सिर सांटे रुख रहे तो भी सस्तो जाण’ कहने का मतलब है कि अगर सिर कटाकर भी पेड़ की रक्षा की जाए तो भी इसे फायदे का सौदा ही समझना चाहिए। ये कहावत बिश्नोई समाज की जीवन जीने का एक खास मंत्र है और बताने के लिए काफी है कि ये लोग कितनी शिद्दत से जंगल और जानवर को प्यार करते हैं

वर्ष 1998 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान राजस्थान के जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग कर रहे थे। इसी दौरान 26 सितंबर से लेकर 1-2 अक्टूबर की आधी रात सलमान खान अपने साथियों के साथ शिकार पर निकले। उसी दौरान 3 काले हिरणों का शिकार हुआ।

हो सकता है बात आई गई हो जाती पर बिश्नोई समाज को जैसे ही पता चला उन्होंने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। लगभग 20 साल तक चली कानूनी लड़ाई में बिश्नोई समाज कभी भी पीछे नहीं हटा। इसमें सलमान खान दोषी करार दिए गए और बाकी साथी बरी हो गए।

बिश्नोई समाज के बारे में जानना जरूरी है। हिरण की सभी प्रजातियों को बच्चों की तरह प्यार और ईश्वर की तरह पूजते हैं। बिश्नोई समाज उत्तर भारत का एक सम्प्रदाय (पंथ) है, जो पीढ़ियों से पर्यावरण और वन्य जीवों की रक्षा करता आ रहा है। कहने को यह बहुत बड़ा समुदाय नहीं है, लेकिन जानवरों और प्रकृति के प्रति इनके प्रेम की मिसाल दी जाती है।

ये भी पढ़ें: काला हिरण शिकार मामलाः सलमान की जमानत पर आज होगी सुनवाई

आप बिश्नोई समाज को गूगल पर सर्च करेंगे तो आपको ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलेंगी, जिनमें महिलाएं अपने बच्चे के साथ ही हिरन के बच्चे को भी अपना दूध पिला रही हैं। यह तस्वीरें बिश्नोई समाज की पर्यावरण को लेकर प्रतिबद्धता समझाने के लिए काफी हैं।

बिश्नोई समाज के इसी प्रकृति प्रेम ने उन्हें हिरण को इंसाफ दिलाने के लिए 20 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने का साहस दिया। राजस्थान के मारवाड़ गांव में हिरणों का लोगों के बीच घूमना-फिरना आम है। यहां के लोग कहते हैं कि हिरण उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। हिरणों के बच्चों को यहां के लोग अपने बच्चों के समान ही प्यार करते हैं। बहरहाल, वन्यजीवों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की वजह से ही बिश्नोई समाज ने सलमान खान और अन्य आरोपियों के खिलाफ 20 सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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