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14 सीटों पर उपचुनाव : एकजुट विपक्ष ने भाजपा को किया चित
नई दिल्ली| अगले वर्ष देश में होने वाले आम चुनाव से पहले, ताजा उपचुनावों में एकजुट विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चित कर अपना दम दिखाया। गुरुवार को देश के कई राज्यों में से आए नतीजों ने स्पष्ट संकेत दिया कि जनता ‘न्यू इंडिया’ नहीं, सर्वधर्म समभाव वाला भारत चाहती है। भाजपा को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण कैराना क्षेत्र और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। पार्टी को महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर जीत मिली। दस राज्यों में 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में पार्टी को सिर्फ एक सीट पर ही जीत नसीब हुई।
24 मई को चार लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में से नगालैंड लोकसभा सीट पर भाजपा की सहयोगी सत्तारूढ़ नगालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) को जीत मिली है। एनडीपीपी के उम्मीदवार ने नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार को हराया। भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर लगा है, जहां विपक्ष की साझा उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने पूर्व भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनावों में भाजपा गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना लोकसभा सीट भी गंवा बैठी।
कैराना में चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने भाजपा की मृगांका सिंह को 55,000 मतों से पराजित किया। यहां कांग्रेस, सपा और बसपा ने रालोद को समर्थन दिया था। भाजपा ने 2014 आम चुनावों में उत्तरप्रदेश के 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी और पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में 423 सीटों में से 312 पर जीत दर्ज की थी। चौथे साल में तीन सीटें भाजपा के हाथ से निकल गईं।
भाजपा को उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट के साथ-साथ नुरपूर विधानसभा सीट पर भी हार का स्वाद चखना पड़ा। यहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पार्टी नईमुल हसन ने भाजपा प्रत्याशी अवनि सिंह को 6200 मतों से हराया।
महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा को जीत मिली है। यहां राजेंद्र गावित ने 272,000 मत हासिल किए, जबकि श्रीनिवास वांगा को 243,000 मत मिले। स्थानीय पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार बलिराम जाधव ने 222,000 मत हासिल किया। कांग्रेस के उम्मीदवार दामोदर शिंगादा ने चौथा स्थान हासिल किया।
भाजपा के उम्मीदवार हेमंत पटेल को महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकपा) के मधुकर कुकडे ने भाजपा को पटकनी देकर जीत हासिल की। कुकडे को कांग्रेस का समर्थन हासिल था और उन्होंने लगभग 45,000 मतों से पटेल को हराया।
रालोद नेता जयंत चौधरी ने उम्मीद जताई कि संगठित विपक्ष भाजपा को हराने का सिलसिला अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में भी बनाए रखेगा।
उन्होंने कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि रालोद विपक्षी एकता और गठबंधन को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाएगा। जो भी गठबंधन होगा, हम सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।”
विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को केवल उत्तराखंड में एक सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस को पंजाब के सियालकोट, कर्नाटक के आर.आर. नगर और मेघालय के अंपाति में जीत मिली। मेघालय में इस जीत के बाद कांग्रेस इस पूर्वोत्तर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। यहां सरकार हालांकि दो सीटों वाली भाजपा की है।
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के महास्थल में जीत दर्ज की, वहीं माकपा के उम्मीदवार ने केरल के चेनागन्नुर में कांग्रेस को हराया।
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा पाए लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सत्तारूढ़ जद (यू) और भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार को बिहार की जोकीहाट सीट पर पटकनी दी। यह सीट दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। यहां राजद के शहनवाज आलम ने जद (यू) उम्मीदवार को 41,000 मतों से हराया।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हार नीतीश कुमार के लिए एक सबक है, जिन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का दामन थाम लिया है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “भाजपा के विरुद्ध सभी विपक्षी पार्टियों के एकसाथ आने पर मैं धन्यवाद कहना चाहता हूं। यह हार बताती है कि नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को धोखा दिया था और लोगों ने इसका जवाब दिया है। बिहार के लोग नीतीश कुमार द्वारा पलटी मारने का बदला ले रहे हैं।”
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने झारखंड राज्य की सिल्ली व गोमिया विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में जीत दर्ज की है। राज्य में सरकार हालांकि भाजपा की है।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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