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भाजपा का मणिपुर में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा

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इंफाल| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादा किया है कि अगर फरवरी 2017 के विधानसभा चुनाव में वह सत्तारूढ़ हुई तो राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देगी। पिछले साल नवंबर में भाजपा को दो उप चुनावों में जीत मिली थी। इसके बाद मणिपुर भाजपा अध्यक्ष और पार्टी के अन्य नेता राज्य में ‘कांग्रेस सरकार के अनियंत्रित भ्रष्टाचार’ का मुद्दा उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

राज्य की भाजपा इकाई ने पूर्वी भारत में सबसे बड़ी ताजे पानी की झील लोकटक से जुड़े ‘घोटाले’ का खुलासा किया था जिसे उन्होंने 500 करोड़ रुपये का घोटाला बताया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ मंत्रियों ने इस ‘घोटाले’ के मामले में समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, लोकटक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें अभी तक केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) या सतर्कता जांच के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष थौनाओजम चओबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से रविवार को कहा, “कांग्रेस सरकार ने कहानी गढ़कर दावा किया था कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत एक साल में 100 दिन काम मिलेगा। इसी आधार पर मणिपुर ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले राज्य का पुरस्कार जीत लिया।”

उन्होंने कहा, “सच यह है कि साल में 20 दिनों के लिए भी काम नहीं था और सरकार को इस पर शर्मिदा होना चाहिए।”मणिपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के मुद्दे पर भी उन्होंने संश्य जताया।उन्होंने कहा, “विधानसभा में पिछले 15 सालों में भाजपा का कोई विधायक नहीं था, लेकिन हमने पिछले साल नवम्बर में दोनों उप चुनाव जीते हैं। इसके अलावा हमने नगर पंचायत और नगर निगम चुनाव में भी खाता खोला है।”

उन्होंने आगामी इंफाल नगर निगम चुनाव में भी भाजपा के जीतने की संभावना जताई।भाजपा के नए विधायक थोंगम विश्वजीत ने कहा, “सरकार ने सीमावर्ती शहर मोरेह में पर्यटकों की सुविधा के लिए यात्री निवास का निर्माण कराया था। हालांकि इसका खर्च 1.47 करोड़ रुपये था, लेकिन सरकार ने ठेकेदारों को 4.8 करोड़ रुपये दिए। यह भ्रष्ट सरकार की प्रणाली है।”

मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कई बार भाजपा के आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा है, “मणिपुर जैसे छोटे से राज्य में लोग जानते हैं कि कौन भ्रष्टाचारी है और कौन नहीं।”उप मुख्यमंत्री गइखंगम भी भाजपा लहर का उपहास करते हुए कहते रहे हैं कि पहाड़ बहुत ऊंचे है, इसलिए भाजपा लहर पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भूस्खलन नहीं कर सकती।उन्होंने कहा, “मणिपुर उप चुनाव में दो सीटें जीतने का कारण तथाकथित भाजपा लहर नहीं है।”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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