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उत्तराखंड

भाजपा कभी नहीं बनाएगी राम मंदिर : शंकराचार्य

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भाजपा कभी नहीं बनाएगी राम मंदिर : शंकराचार्य

कनखल (हरिद्वार)| शारदा और ज्योर्तिपीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अयोध्या में राम मंदिर कभी नहीं बनाएगी। जगतगुरु शंकराचार्य ने यहां स्थित मठ में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, “पिछले करीब दो वर्षो के कार्यकाल में मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया, जिससे लगे कि रामलला का मंदिर बनने जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि मंदिर को लेकर स्वार्थपूर्ण राजनीति चल रही है। मौजूदा केंद्र सरकार राम मंदिर के नाम का सहारा लेकर सत्ता में आ गई, लेकिन कुर्सी पर बैठते ही राम को भूल गई।

शंकराचार्य ने कहा, “यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भाजपा के कार्यकाल में ही मंदिर बनेगा। हकीकत यह है कि भाजपा कभी राम मंदिर नहीं बनाएगी। राम केवल एक पार्टी के नहीं हैं। पूरे विश्व का उन पर अधिकार है। मंदिर का निर्माण विद्वान और संत मिलकर करेंगे।”

‘भारत माता की जय’ बोलने को लेकर छिड़े विवाद पर शंकराचार्य ने कहा कि भारत माता की धरती पर रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है। भारत माता सभी की मां हैं। अंग्रेजों के शासन काल में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे लाखों देशभक्त भारत माता की जयकार करते हुए शहीद हो गए। ‘भारत माता की जय’ बोलने से किसी को परहेज नहीं करना चाहिए।

उत्तराखंड के सियासी संकट के लिए शंकराचार्य ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत हरीश रावत की सरकार को गिराया है। केंद्र सरकार ने हरीश रावत के विकास कार्यो से चिढ़कर यह कार्रवाई की है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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