बिजनेस
मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद बाजार में गिरावट
मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा के बाद मंगलवार को दोपहर के कारोबार में प्रमुख सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। दोपहर करीब तीन बजे के कारोबार में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 101.69 अंकों की गिरावट के साथ 24,723.14 पर कारोबार करते देखा गया। इसी दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी 39.10 अंकों की गिरावट के साथ 7,516.85 पर कारोबार करते देखा गया। आरबीआई ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की छठी मौद्रिक समीक्षा नीति में मंगलवार को मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
रेपो दर बिना किसी बदलाव के 6.75 प्रतिशत पर कायम है। रिवर्स रेपो दर भी बिना किसी बदलाव के 5.75 प्रतिशत पर बनी हुई है। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर कायम है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिए ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो वह दर होती है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है। आरबीआई की घोषणा के तुरंत बाद बाजार में गिरावट दर्ज की गई। घोषणा के तुरंत बाद सेंसेक्स में 55 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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