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प्रादेशिक

कभी राष्ट्रपति ने किया था अध्यापक को सम्मानित, अब दर्ज है बूथ कैप्चरिंग का मुकदमा

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित अध्यापक बसरूदीन इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके खिलाफ फर्जी वोट डलवाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

मामला दर्ज होने के बाद लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। लोग इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर रहे हैं।

ये है पूरा मामला

रविवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट कुसमेंद्र कुमार ने पुन्हाना पुलिस में शिकायत कर बसरूद्दीन पर आरोप लगाया कि वो अपने पुत्र के साथ मिलकर पुन्हाना विधानसभा के गांव टूंडलाका के बूथ नंबर 130 पर दरवाजा बंद करके फर्जी वोट डलवाने की कोशिश कर रहे थे।

इस दौरान युवक को जब पकड़ा गया तो उसके पास से सरीफ, फखरू,  हुसैन, जावेद, आजम खां, जाहिद हुसैन, आरिफ नाम के लोगों की पर्चियां मिलीं। पुन्हना के डीएसपी ने बताया कि आरोपी आरिफ को गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।

उन्होंने बताया कि मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, मामले की जांच चल रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं।

क्या कहा पोलिंग एजेंट ने

इस मामले में भाजपा के पोलिंग एजेंट अरशद सरपंच, जुबेर, कांग्रेस के एजेंट पप्पू उर्फ समून, अनीस और इनेलो के पोलिंग एजेंट इस्लाम ने बताया कि रविवार को करीब दोपहर 2 बजे जिले की एसपी संगीता कालिया भारी पुलिस बल के साथ गांव टूंडलाका के बूथ नंबर 130 पर पहुंचीं।

अचानक एक लड़का जो पोलिंग रूम के बहार खड़ा था उसे पुलिस ने दबोच लिया, जिसके पास उसके ही परिवार के लोगों के वोटों की पर्चियां थीं।

जो अपने परिवार के लोगों का इंतजार कर रहा था। उन्होंने बताया कि पोलिंग बूथ के अंदर कोई भी नहीं गया यहां तक की एसपी और सेक्टर मजिस्ट्रेट भी नहीं गये।

एसपी ने पीठासीन अधिकारी बसरूदीन को बुलाया। इनलोगों ने आरोप लगाया कि उससे तथा किसी पोलिंग एजेंट से जानकारी लिए बगैर ही एसपी ने बसरूदीन और पकड़े गए लड़के के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।

जो सरासर गलत है। जब किसी भी पार्टी के पोलिंग एजेंट को कोई ऐतराज नहीं था तो फर्जी वोटिंग का मामला कहां से आ गया।

अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद अध्यापक बसरूदीन का कहना है इससे वे हैरान हैं। उन्हें तो कुछ पता ही नहीं था बल्कि एसपी ने उन्हें बूथ से बाहर बुलाया और बिना कुछ पूछे ही मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए। बसरूदीन का कहना है कि अगर वह दोषी हैं तो सजा भुगतने के लिए तैयार है। इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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