Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

आम बजट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव

Published

on

आम बजट, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

Loading

आम बजट, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

मुंबई| आम बजट 2016-17 पेश होने के बाद देश के शेयर बाजारों में दोपहर के कारोबार में उतार-चढ़ाव देखा गया। दोपहर करीब 2.30 बजे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 31.05 अंकों की तेजी के साथ 23,185.35 पर कारोबार करते देखा गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इस दौरान 13.95 अंकों की तेजी के साथ 7,043.70 पर कारोबार करते देखा गया। आम बजट पेश होने के बाद दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स ने 52 सप्ताह का नए निचले स्तर 22,494.61 को छू लिया। बाद में हालांकि यह निचले स्तर से उबर गया। निफ्टी ने दोपहर के कारोबार तक 6,825.80 का निचला स्तर छुआ।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया 2016-17 का आम बजट

इससे पहले केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आम बजट 2016-17 पेश किया। जियोजित बीएनपी पारिबा फायनेंशियल सर्विसिस के टेकि्न कल रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “निवेशकों को उम्मीद थी कि बजट में लीक से हटकर सुधार के कुछ उपाय अपनाए जाएंगे। बजट में हालांकि कई बड़े सुधारों की घोषणा हुई है।” एंजल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष और शोध प्रमुख वैभव अग्रवाल के मुताबिक, “शेयर लेन-देन कर बढ़ाया जाना और बैंकों का कम पुन: पुंजीकरण बजट के कुछ नकारात्मक पहलू हैं।” बजट में ऑप्शन कारोबार में प्रतिभूति लेन-देन कर बढ़ाकर 0.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है। अग्रवाल के मुताबिक, “ग्रामीण और अवसंरचना खर्च में वृद्धि बजट के सकारात्मक पहलू हैं।”

जायफिन एडवायजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “लंबी अवधि के लिए उचित बजट है। अवसंरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्रों पर यथोचित ध्यान दिया गया है।” उन्होंने कहा, “पिरामिड के निचले स्तर पर रहने वालों को लक्षित किया गया है, जो लंबी अवधि में अच्छा होगा। बाजार का ध्यान अब कार्यान्वयन पर रहेगा। अगले साल के लिए वित्तीय घाटा का लक्ष्य बांड बाजार के लिए सकारात्मक है।”

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending