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उप्र विस सत्र: राज्यपाल ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां, विपक्ष का हंगामा

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हंगामेदार रही। सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने एकजुट होकर राज्यपाल राम नाइक पर हमला बोला। उनके अभिभाषण शुरू करते ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस व राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के सदस्यों ने सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी की और राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए। भारी विरोध के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ने का कोरम पूरा किया। विपक्षी दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच साठगांठ होने का आरोप लगाया। इस दौरान भाजपा हंगामे से दूर नजर आई।

राज्यपाल का अभिभाषण पूरा होने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के स्वामी प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से बातचीत में राज्यपाल के साथ ही भाजपा पर भी निशाना साधा।

मौर्य ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बुंदेलखंड से किसानों का पलायन हो रहा है। आरक्षण को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। मदरसों के निर्माण में सरकार भेदभाव कर रही है। सूखा प्रभावित किसानों को 23 रुपये और 70 रुपये का चेक देने का घिनौना काम हो रहा है।

विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रदीप माथुर ने भी भाजपा और सपा में मिलीभगत होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “उप्र में दंगे कराने की साजिशें दोनों दलों की तरफ से हो रही हैं। आने वाले दिनों में यदि प्रदेश में दंगे हों तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।”

इस बीच भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी ने बसपा व कांग्रेस के इस आरोप का खंडन किया।

इससे पूर्व, सुबह 11 बजे विधानसभा में बजट सत्र शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने पोस्टर और बैनर लहराने शुरू कर दिए। बसपा, रालोद और कांग्रेस विधायकों ने ‘राज्यपाल वापस जाओ’ व ‘पानी बिजली दे न सके जो, वो सरकार निकम्मी है’ जैसे नारे लगाए।

राज्यपाल राम नाइक ने भारी विरोध के बीच सरकार की ओर से अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने इस दौरान सरकार की उपलब्धियों को बखान किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो के दौरान सरकार ने अपने सभी वादे पूरे करने का काम किया। सरकार ने किसानों के हितों के लिए काफी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

नाइक ने कहा कि देश में अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए सिंचाई मुफ्त करने का फैसला भी लिया। सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगवाए गए, नहरों की सिल्ट की सफाई करवाई गई, जिससे किसानों को काफी लाभ मिला।

राज्यपाल ने हंगामे के बीच अपना अभिभाषण पढ़ने का कोरम पूरा किया। उन्होंने आखिर में सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।

विधानसभा की कार्यवाही 29 जनवरी से 11 मार्च तक चलेगी। 12 फरवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी सरकार के वित्त मंत्री के रूप में वर्ष 2016-17 का बजट पेंश करेंगे।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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