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प्रादेशिक

बुंदेलखंड : खनन माफिया लूट रहे ‘लाल सोना’

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बुंदेलखंड : खनन माफिया लूट रहे 'लाल सोना'

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बुंदेलखंड : खनन माफिया लूट रहे 'लाल सोना'

आर. जयन 

बांदा| उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के किसानों के लिए सूखा भले ही अभिशाप बना हो, लेकिन यह सूखा खनन कारोबार से जुड़े माफियाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। नदियों का जलस्तर घट जाने का बेजा लाभ उठाते हुए कारोबारी पुलिस और प्रशासन के गठजोड़ से ‘लाल सोना’ यानी बालू (रेत) लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के किसान भयंकर सूखे की मार से कराह रहे हैं, वहीं बालू खनन कारोबार से जुड़े लोग नदियों से ‘लाल सोना’ यानी ‘बालू’ लूट कर मालामाल हो रहे हैं।

ऐसा भी नहीं है कि बालू के अवैध खनन की जानकारी पुलिस और प्रशासन को नहीं है। लेकिन, मजबूत गठजोड़ और ऊंची पहुंच के चलते उनका धंधा बेखौफ चल रहा है।

मध्य प्रदेश की सरहद से शुरू होने वाली केन और बागै नदी में यह गोरखधंधा कुछ ज्यादा ही चल रहा है। इन नदियों में करीब आधा दर्जन जगहों पर अवैध पुल बनाकर जलधारा तक बदल दी गई है और पोकलैंड व जेसीबी मशीनों के जरिए नदी की कोख खाली कर जंगलों में बालू डंप की गई है। हालांकि इतने के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी अवैध खनन को नकार रहे हैं।

सामाजिक संगठन ‘पब्लिक एक्शन कमेटी’ (पीएसी) द्वारा हाल ही में किए गए भौतिक सत्यापन में जहां केन नदी में कई अवैध पुल बनाकर बालू खनन किए जाने की पुष्टि हुई है, वहीं जंगल में डंप बालू भी पाई गई है।

संगठन की महासचिव श्वेता ने बताया, “केन नदी में रामपुर, गौर-शिवपुर, नशेनी, स्योढ़ा घाटों में खनन माफिया पोकलैंड व जेसीबी मशीनों बालू निकाली जा रही है। बागै नदी में नरैनी क्षेत्र के नौगवां, राजापुर-मोतियारी, मुगौरा, पथरा, सिरसौना, लहुरेटा, कुल्लूखेड़ा गांवों के घाटों में दिन-रात ट्रैक्टरों से बालू ढुलाई का काम किया जा रहा है, लेकिन पुलिस व प्रशासन अनजान बना हुआ है।”

संगठन की ओर से आईएएनएस को कुछ फोटो सौंपे गए हैं, जिनसे साफ जाहिर होता है कि अधिक जलभराव वाले स्थानों में बालू निकालने के लिए पोकलैंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही नसेनी गांव के जंगलों में बालू डंप किया जाना प्रदर्शित होता है।

संगठन का कहना है कि बालू माफिया नदियों से बालू निकाल कर जंगल में डंप करते हैं और फिर खुद खनिज विभाग और जिला प्रशासन से मिलकर उसकी नीलामी ले ‘रवन्ना’ हासिल कर लेते हैं, ताकि जिले से बाहर भेजने में दिक्कत न हो।’

बांदा के खनिज अधिकारी हवलदार यादव ने गुरुवार को बताया, “जिले में किसी भी नदी में बालू खनन का सरकारी तौर पर आवंटन नहीं है और न ही अवैध तरीके से बालू का खनन हो रहा है।”

उनका कहना था कि जहां भी अवैध खनन की सूचना मिली, वहां कार्रवाई की गई है। लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि अब तक कितने के खिलाफ कार्रवाई की गई? उन्होंने तो नसेनी (बांदा) गांव के जंगलों में डंप बालू को मध्य प्रदेश का क्षेत्र बता दिया।

IANS News

समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी – अखिलेश यादव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। शनिवार 23 नवंबर 2024 को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। चुनाव परिणाम से पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया है। अखिलेश ने कहा है कि समाजवादी पार्टी नैतिक रूप से जीत चुकी है, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी है। अखिलेश ने इसके साथ भाजपा पर निशाना साधते हुए अपने कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ भी की है। आइए जानते हैं अखिलेश ने और क्या कुछ कहा है।

भाजपा किसी की सगी नहीं- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा- “धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झाँसा देकर गलत काम करवाती है फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उनपर मुक़दमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे पल्ला झाड़ लेती है। भाजपाई फँसानेवाले लोग हैं, बचानेवाले नहीं। भाजपा किसी की सगी नहीं है।

प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाक़ी है। अखिलेश ने इंडिया गठबंधन-सपा के सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से अपील की है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें।

 

 

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