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प्रादेशिक

कैफे कॉफी डे के मालिक के लापता होने पर आया पुलिस का बड़ा बयान

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नई दिल्ली। कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा के दामाद वी.जी. सिद्धार्थ के सोमवार शाम से लापता होने के मामले में पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताई है।

मंगलवार को पुलिस ने बयान दिया कि संभवत: उन्होंने मंगलुरू के निकट एक नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली होगी। इस मामले में मंगलुरू के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा, “आशंका है कि सिद्धार्थ मंगलुरू के निकट नेथरावती नदी में कूद गए होंगे, हालांकि व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद उनका शव अभी बरामद नहीं हुआ है।”

इससे पहले सिद्धार्थ (60) के कार चालक बसवराज पाटिल ने मंगलुरू में एक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था कि उनके मालिक पुल से लापता हो गए थे, जहां वह कार से उतरे थे और कुछ देर टहलना चाहते थे।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, “सिद्धार्थ नेथरवती नदी के पुल पर कार से उतर गए और यह कहकर कि वह थोड़ी देर सैर करना चाहते हैं, उसे पुल के दूसरे छोर पर इंतजार करने के लिए बोलकर चले गए, लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं लौटे।”

पुलिस को शक है कि सिद्धार्थ बहती नदी में कूद गए होंगे तभी ड्राइवर को वहां नहीं मिले। उन्होंने 18 मार्च को 10 रुपये की फेस वैल्यू पर 980 रुपये प्रति शेयर की दर से शहर में सॉफ्टरवेयर कंपनी माइंडट्री लिमिटेड में अपने कुल 20 प्रतिशत शेयर मुंबई की कंपनी लार्सन एंड टॉब्रो (एल एंड टी) को 3,300 करोड़ रुपये में बेच दिए थे।

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IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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