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राजनीति

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने के आरोप में मामला दर्ज

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कर्नाटका। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, हावेरी में एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं, सूर्या के अलावा कुछ कन्नड़ समाचार पोर्टल के संपादकों पर भी कार्रवाई की गई है। किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। ‘X’ पर इन समाचार पोर्टल की खबर को साझा करते हुए सूर्या ने 7 नवंबर को आरोप लगाया था कि हावेरी जिले में एक किसान ने वक्फ बोर्ड द्वारा उसकी जमीन अधिगृहित किए जाने के बारे में पता चलने पर कथित रूप से खुदकुशी कर ली।

सूर्या ने बाद में हटा ली थी पोस्ट

तेजस्वी सूर्या ने अपनी पोस्ट में कर्नाटक सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था, ‘अल्पसंख्यकों को खुश करने की जल्दबाजी में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कर्नाटक सरकार में आवास, वक्फ एवं अल्पसंख्यक विकास मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने राज्य में विनाशकारी हालात पैदा कर दिए हैं, जिसे हर गुजरते दिन के साथ रोकना असंभव होता जा रहा है।’ बाद में हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा न्यूज रिपोर्ट को फर्जी बताए जाने के बाद सांसद ने पोस्ट को हटा दिया था

‘ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई’

पुलिस अधीक्षक ने कहा था, ‘शेयर की गई खबर फर्जी है। ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। यहां जिस किसान रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिकाई का जिक्र हुआ है उनकी 6 जनवरी 2022 को आत्महत्या की सूचना मिली थी। बताया जाता है कि उन्होंने कर्ज एवं फसल नुकसान के कारण आत्महत्या की थी।’ उन्होंने बताया कि आदर थाने में दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 174 के तहत केस दर्ज किया गया था और अंतिम रिपोर्ट पहले ही पेश की जा चुकी है।

 

 

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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