मुख्य समाचार
सिख विरोधी दंगों पर केंद्र की एसआईटी महज दिखावा : केजरीवाल
नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सोमवार को ‘दिखावा’ करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र और सोमवार को समाचार-पत्रों में प्रकाशित एक विज्ञापन में केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के पहले के 49 दिनों के कार्यकाल के दौरान दिल्ली की कैबिनेट ने दोषियों को कानून के कठघरे में खड़ा करने के लिए एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया गया था।
केजरीवाल ने पत्र में कहा है, “लेकिन दुर्भाग्यवश हमारी सरकार उस निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए सत्ता में नहीं रह पाई। हम एसआईटी गठित करना चाहते थे और इसे अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल भी किया था।” केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने उनके फरवरी 2015 में दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ लेने से दो दिन पहले एक एसआईटी गठित की, ताकि दिल्ली की आप सरकार ऐसा न कर पाए।
उन्होंने पत्र में कहा, “मेरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से महज दो दिन पहले 12 फरवरी, 2015 को केंद्र सरकार ने एक एसआईटी गठित की, जिसे छह माह में अपनी रिपोर्ट फाइल करनी थी, लेकिन डेढ़ साल हो चुके हैं और एसआईटी ने अब तक कोई प्रगति नहीं की। लोगों के मन में अब शंकाएं घर करने लगी हैं कि एसआईटी हमें एक प्रभावी एसआईटी गठित करने से रोकने के लिए महज एक दिखावा थी।”
केंद्र सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने पिछले सप्ताह दिल्ली के सिख विरोधी दंगों से संबंधित करीब 75 मामलों की दोबारा जांच करने का निर्णय लिया।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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