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बिजनेस

बदल रही ‘मेड इन चाइना’ की छवि

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Meizu MX3बीजिंग। कई साल पहले पूरे विश्व और यहां तक की चीन के लोग भी ‘मेड इन चाइना’ उत्पादों को खास तवज्जो नहीं देते थे। साल 2011 में चीन में बेचे गए 70 प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन नोकिया, सैमसंग या एप्पल के थे। लेकिन पिछले पांच सालों में इस स्थिति में काफी परिवर्तन आया है। बाजार विश्लेषको के अनुसार, चीन में 10 में से आठ स्मार्टफोन चीनी हैं, जबकि केवल दो विदेशी स्मार्टफोन सैमसंग व एप्पल के हैं।

स्मार्टफोन ‘मेड इन चाइना’ उत्पादों की बदल रही प्रतिष्ठा का अकेला उदाहरण नहीं है। उच्च गति की रेलवे, स्टील, और अन्य उद्योग जैसे-चीनी फिल्में भी अंतराष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त कर रही हैं। चीनी उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता का कारण हैं, दशकों से विदेशी मानकों को अपनाते हुए चीनी उत्पादों की गुणवत्ता में वास्तविक सुधार, जिसके कारण चीनी नागरिकों के साथ-साथ विदेशी उपभोक्ताओं को भी चीनी उत्पादों पर अधिक विश्वास हो गया है। प्रसिद्ध व्यक्तियों जैसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पत्नी पेंग लियुआन द्वारा चीनी उत्पादों के प्रचार ने भी इनकी लोकप्रियता बढ़ाने में मदद दी है। वह अपने विदेश दौरों पर चीनी टेलर द्वारा निर्मित परिधान पहनना पसंद करती हैं।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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