उत्तराखंड
अब तक सवा दस लाख श्रद्धालु कर चुके चारधाम दर्शन
ऋषिकेश। वर्ष 2013 में आई दैवी आपदा को तीन साल पूरे हो चुके हैं। झकझोर कर रख देने वाली विनाशकारी आपदा के जख्म भले ही बहुत गहरे हों, लेकिन इन दर्दनाक जख्मों पर इस बार सवा दस लाख श्रद्धालु की आस्था भारी पड़ती नजर आ रही है।
आपदा के बाद श्रद्धालुओं में बैठा डर उन्होंने इस बार दरकिनार कर दिया है। यही कारण है कि इस वर्ष यात्रा शुरू होने के तीन पखवाड़ों के भीतर ही 10 लाख 22 हजार 275 श्रद्धालु देवधामों में अपनी फरियाद लेकर पहुंच चुके हैं। आपदा के बाद चारधाम यात्रा में जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई।
केदार-बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों के कदम पिछले तीन सालों में बहुत कम बढ़े। पिछले दो सालों में प्रदेेश का पर्यटन भी लड़खड़ाता नजर आया।
लेकिन इस वर्ष सात मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के पहले चरण में रिकार्ड तोड़ यात्री देवधामों को रवाना हुए। वर्ष 2015 में कुल चार लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी। इस साल की चारधाम यात्रा ने पिछले वर्षों के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए नया आयाम स्थापित किया है।
शुरूआती दौर में यात्रियों की संख्या में उम्मीद से बढ़कर बढ़ोत्तरी हुई। जिसके चलते शासन-प्रशासन को कुमाऊं से वाहनों की व्यवस्था करनी पड़ी।
हेमकुंड साहिब की यात्रा भी परवान चढ़ रही है। यात्रा प्रशासन संगठन के वैयक्तिक सहायक ऐके श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक पांचों धामों में 10 लाख 22 हजार 275 श्रद्धालु दर्शन को पहुंच चुके हैं।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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