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उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में उमड़ा यात्रियों का सैलाब

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चारधाम यात्रा उत्‍तराखण्‍ड, उमड़ा यात्रियों का सैलाब, देश-विदेश के श्रद्धालु

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चारधाम यात्रा उत्‍तराखण्‍ड, उमड़ा यात्रियों का सैलाब, देश-विदेश के श्रद्धालु

chardham yatra

देहरादून/ऋषिकेश। चारधाम में आस्था का सैलाब उमडने लगा है, सभी अटकलों को दरकिनार कर श्रद्धालु बेखौफ चारधाम की यात्रा में शामिल हो रहे हैं। देश-विदेश के श्रद्धालु चारधाम के साथ ही उत्तराखंड की खूबसूरती के दीदार को बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने के दूसरे दिन सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। चारधाम यात्रा के लिए बाहरी प्रांतों से तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है। यही वजह है कि 2013 में दैवी आपदा के बाद से मंद पड़ी यात्रा का इस बार रिकार्ड टूटने के आसार हैं। यात्रा प्रशासन संगठन के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। जहां पिछले साल यात्रा शुरू होने के छह दिन में महज 22 बसों से करीब तीन हजार श्रद्धालु आस्थापथ की ओर बढ़े थे, इस साल श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या 40 हजार को पार कर चुकी है।

वर्ष 2013 में केदारघाटी में भीषण जलप्रलय से हुई तबाही से तीर्थयात्रियों में खौफ इस कदर छाया कि उन्होंने उत्तराखंड का रुख नहीं किया। यही वजह है कि वर्ष 2014 और 2015 में चारधाम यात्रा रफ्तार नहीं पकड़ सकी। इसका सीधा असर राज्य की आर्थिकी पर पड़ा। खुशखबरी है कि वर्ष 2016 में दैवी आपदा का खौफ तीर्थयात्रियों के जेहन से पूरी तरह साफ हो गया है। इस बार देवधामों के दर्शन के लिए बाहरी प्रांतों से तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है। यात्रा प्रशासन संगठन के सचिव एके श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल चारधाम यात्रा 21 अप्रैल को शुरू हुई थी, तब छह दिन में 22 बसों से करीब तीन हजार यात्री है चारधाम के दर्शन के लिए गए थे।

इस साल यात्रा का आगाज सात मई से हुआ और छह दिन में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की 587 बसों से अनुमानित 40 हजार से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन के लिए रवाना हो चुके हैं। तीर्थयात्रियों के उत्साह से परिवहन व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं। चीन सीमा पर बसे भारत के अंतिम गांव माणा में स्थित धार्मिक स्थलों के दर्शनों को भी बीते दो दिनों में तीन हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। बदरीनाथ धाम से तीन किलोमीटर आगे सीमांत गांव माणा स्थित गणेश गुफा, व्यास गुफा, भीमपुल के दर्शनों को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। माणा गांव में भारत की अंतिम चाय की दुकान यात्रियों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बनी हुयी है, जहां बैठकर वे चाय की चुस्कियों लेना नहीं भूलते।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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