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उत्तराखंड

अब तक पांच लाख श्रद्धालु कर चुके बदरी-केदार के दर्शन

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चारधाम यात्रा उत्‍तराखंड, पांच लाख श्रद्धालु, बदरी-केदार धाम के दर्शन

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चारधाम यात्रा उत्‍तराखंड, पांच लाख श्रद्धालु, बदरी-केदार धाम के दर्शन

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ऋषिकेश (देहरादून)। चारधाम यात्रा इस वर्ष अपने पूरे शबाब पर है। यात्रा शुरू हुए अभी एक माह भी नहीं बीता है, लेकिन अब तक पांच लाख श्रद्धालु बदरी-केदार धाम के दर्शन कर चुके हैं। पंजीकरण का आंकड़ा भी तीन लाख चालीस हजार को पार कर गया है। तीन वर्ष पूर्व केदार घाटी की आपदा में जिन लोगों ने अपनों को खोया, उनके जख्म ताउम्र नहीं भरे जा सकते, परन्तु आपदा के तीन वर्ष तक आर्थिक रूप से क्षति उठाने वाले तमाम व्यवसायी व इससे जुड़े लोगों को इस वर्ष यात्राकाल का यह एक माह बड़ी राहत देने वाला रहा है।

बीते वर्ष विभिन्न धामों के लिए छह माह में साढ़े चार लाख श्रद्धालु त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम द्वारा पंजीकृत किए गए थे। परन्तु इस वर्ष एक माह पूर्व ही तीन लाख चालीस हजार चार सौ  बीस श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जा चुका है। गजब की बात तो यह है कि बदरी-केदार धाम में एक माह पूर्व ही पांच लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। इस सीजन में सोमवार तक बदरीनाथ में तीन लाख चार हजार नौसौ पिचहत्तर और केदारनाथ में एक लाख चौरानवे हजार 775 श्रद्धालु शाम पांच बजे तक दर्शन कर चुके थे। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुताबिक यहां दर्शनार्थियों का आंकड़ा देर सांय पांच लाख को पार कर चुका है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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