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नेशनल

बैंकिंग सेवाएं ठप, 10 लाख बैंककर्मी आज से हड़ताल पर

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सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 10 लाख से ज्यादा बैंककर्मी वेतन में जल्द बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर आज से हड़ताल #BankStrike पर हैं। बैंककर्मियों के वेतन में एक नवंबर, 2017 से वृद्धि नहीं हुई है।

सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 10 लाख से ज्यादा बैंककर्मी 30-31 मई को हड़ताल पर रहेंगे। ये लोग इंडियन बैंक एसोसिएशन(आईबीए) की तरफ से पूर्व में प्रस्तावित दो प्रतिशत से अधिक वेतन वृद्धि नहीं करने का विरोध कर रहे हैं। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के एक नेता ने यह जानकारी दी। इस हड़ताल का नेतृत्व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन(यूएफबीयू) कर रहा है, जो कि नौ यूनियनों का नेतृत्वकारी संगठन है।

एआईबीईए के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने बताया, “हमारे लिए अब हड़ताल वापस लेने का फैसला करना संभव नहीं है। हमने आईबीए को वेतन में दो प्रतिशत की वृद्धि के बदले बेहतर प्रस्ताव के साथ आने के लिए कहा था।”

उन्होंने कहा, “हमने आईबीए से स्कैल 4-7 के बैंक अधिकारियों से वेतन संबंधी वार्ता नहीं तोड़ने के लिए भी कहा था। लेकिन आईबीए ने कुछ भी नहीं किया।”

उन्होंने कहा कि इस संबंध में समझौता बैठक सोमवार को हुई थी। मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) ने आईबीए से 4-7 स्कैल के अधिकारियों के साथ वेतन वार्ता से अलग नहीं होने संबंधी अन्य विवाद पैदा नहीं करने के लिए कहा।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव डी.टी. फ्रांसो ने कहा, “सीएलसी ने हालांकि हड़ताल के मुद्दों को सुलझाने का बहुत प्रयास किया, इसके बावजूद 30 और 31 मई को हड़ताल होगी।” (इनपुट आईएएनएस)

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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