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व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

व्रत एवं त्यौहार

आज हनुमान जयंती मनाई जा रही है, क्यों करते है हनुमान जी की पूजा

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नई दिल्ली। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में मान्यता है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी को हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस कारण नरक चतुर्दशी वाले दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं हनुमान जी से जुड़ीं खास बातें और नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का विशेष नियम।

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। इस कारण पौराणिक मान्यता के अनुसार पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में और दूसरी तिथि को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को माता सीता ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान भी दिया था इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष नियम है।

हनुमान जी के भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से बजरंगबली की उपासना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों के जीवन में शिक्षा, व्यापार, करियर, सेहत या अन्य कोई बाधा है तो उन्हें हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा से उनके सारे संकट और सारी बधाएं दूर होती हैं. इस साल 30 अक्टूबर 2024 को हनुमान जयंती मनाई जा रही है.

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