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जब औरंगजेब ने दी थी धमकी, नहीं होने देंगे शिवाजी का राज्याभिषेक

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आज तीन अप्रैल है। मैं क्यों आपको ये तारीख याद दिला रहा हूं? वो इसलिए क्योंकि आज मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि है, जिन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी। शिवाजी को तो हर कोई जानता होगा, लेकिन उनके जीवन और उनके जीवन के रोचक किस्सों के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। इस लिए आज मैं आपको शिवाजी के जीवन का बड़ा ही रोचक किस्सा आप लोगों को बताते जा रहा हूं।

बात सन 1674 की है जब शिवाजी ने उन साभी प्रदेशों पर अधिकार कर लिया था जो पुरन्दर की सन्धि के अन्तर्गत उन्हें मुगलों को देने पड़ें थे। पश्चिमी महाराष्ट्र में स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक करना चाहा, लेकिन मुस्लिम सैनिको ने ब्राहमणों को धमकी दी कि जो भी शिवाजी का राज्याभिषेक करेगा उनकी हत्या कर दी जायेगी। जब ये बात शिवाजी तक पहुंची की मुगल सरदार ऐसे धमकी दे रहे हैं तब शिवाजी ने यह प्रण कर लिया कि अब वो उस राज्य के पंडित से ही अपना राज्याभिषेक करवाएंगे जो मुगलों के अधिकार में हैं।

शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी।

इसके बाद शिवाजी के राज्याभिषेक के लिए उनके निजी सचिव बालाजी जी ने काशी में तीन दूतो को भेजा, क्यूंकि काशी उस समय मुगल साम्राज्य के अधीन था। जब दूतों ने काशी के ब्राम्हणों को यह संदेश दिया तो वह बहुत खुश हुये। लेकिन इस बात का पता मुगल सैनिको चल गया और उन ब्राह्मणो को पकड लिया। लेकिन युक्ति पूर्वक उन ह्मणों ने मुगल सैंनिको के सामने उन दूतों से कहा कि शिवाजी कौन है हम नहीं जानते है। वे किस वंश से हैं ? दूतों को पता नहीं था इसलिये उन्होंने कहा हमें पता नहीं है। तब मुगल सैनिको के सरदार के सामने उन ब्राह्मणों ने कहा कि हमें कहीं अलग जाना है। शिवाजी किस वंश से हैं आपने नहीं बताया इस लिए ऐसे में हम उनके राज्याभिषेक कैसे कर सकते हैं। हम तो तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं और काशीका कोई अन्य ब्राह्मण भी राज्याभिषेक नहीं करेगा जब तक राजा का पूरा परिचय न हो इस लिए आप वापस जा सकते हैं।

मुगल सरदार ने खुश होके ब्राह्मणो को छोड़ दिया और दूतो को पकड कर औरंगजेब के पास दिल्ली भेजने की सोची पर वो भी चुप के से निकल भाग गये। वापस लौट कर उन्होने ये बात शिवाजी को बताई। लेकिन दो दिन बाद वही ब्राह्मण अपने शिष्यों के साथ रायगढ़ पहुचें ओर शिवाजी का राज्याभिषेक किया।

औरंगजेब

इसके बाद मुगलो ने फूट डालने की कोशिस की और शिवाजी के राज्याभिषेक के बाद भी पूना के ब्राह्मणों को धमकी दी कहा कि शिवाजी को राजा मानने से मना करो। ताकि प्रजा भी इसे न माने। लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं मानी। शिवाजी ने अष्टप्रधान मंडल की स्थापना की। विभिन्न राज्यों के दूतों, प्रतिनिधियों के अलावा विदेशी व्यापारियों को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया।

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राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद

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लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।

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