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उत्तर प्रदेश

हरे भरे होंगे यूपी के शहर, योगी सरकार ने की उपवन योजना की शुरुआत

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लखनऊ। शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के लिए नगर विकास विभाग ने उपवन योजना की शुरुआत की है। पर्यावरण को बेहतर बनाने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और देशी जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिबद्धता इस पहल को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है। इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के शहरों को हरे-भरे क्षेत्र में बदलना है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करे, जिससे राज्य जलवायु-प्रतिरोधी बने और शहरी हरित आवरण और विकसित पार्कों से समृद्ध हो।

आवंटित किया गया बजट

उपवन योजना के लिए ₹70 करोड़ का वार्षिक बजट आवंटित किया गया है, जिससे इसके कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त वित्तीय समर्थन सुनिश्चित किया जा सके। यह बजट विभिन्न नगरीय निकायों के बीच उनकी आवश्यकताओं और क्षमताओं के आधार पर वितरित किया जाएगा। नगर निगमों को उनके परियोजनाओं के पैमाने और हरित क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार ₹1.5 करोड़ से ₹5 करोड़ के बीच प्राप्त होंगे। नगर पालिकाओं को ₹50 लाख से ₹1.5 करोड़ की धनराशि मिलेगी, जबकि नगर पंचायतों को ₹50 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। योजना के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए स्थानीय निकाय स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा। नगर निगम निकायों में, नगर आयुक्त समिति का नेतृत्व करेंगे, जबकि पालिका और पंचायत स्तर पर, जिला मजिस्ट्रेट (DM) नेतृत्व करेंगे।

शहरों में बढ़ेगी हरियाली

शहरी क्षेत्र बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और प्राकृतिक स्थानों की कमी का सामना कर रहे हैं। उपवन योजना इन समस्याओं का समाधान करके हरियाली को बढ़ाएगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार, जल संरक्षण और विभिन्न प्रजातियों के लिए प्राकृतिक आवास उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, यह योजना हरित क्षेत्र के निर्माण के माध्यम से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देती है। एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिससे निवासी इन हरित स्थानों के रोपण और रखरखाव में भाग लें और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करें।प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात के अनुसार, उपवन योजना की रणनीति में भूमि क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक चयन महत्वपूर्ण है, जिसमें प्रत्येक पार्क का न्यूनतम क्षेत्रफल 1 एकड़ सुनिश्चित किया गया है। मियावाकी वृक्षारोपण विधि का उपयोग तेजी से घने और विविध हरित स्थान बनाने में किया जाएगा।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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