पंजाब
सीएम भगवंत मान ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले की निंदा की
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हमले की निंदा की और केंद्र से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कनाडाई सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया। बता दें कि खालिस्तानी झंडे लेकर प्रदर्शनकारी रविवार को ब्रैम्पटन के एक हिंदू मंदिर में लोगों से भिड़ गए।
सीएम भगंवत मान ने बठिंडा में संवाददाताओं से कहा कि मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। मैं भारत सरकार से भी मांग करता हूं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस मुद्दे पर कनाडाई सरकार से बात की जाए। उन्होंने कहा कि कई पंजाबी कनाडा को अपना दूसरा घर मानते हैं और कोई नहीं चाहता कि वहां ऐसी हिंसक घटना हो।
भारत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह कनाडा में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। खालिस्तानी अलगाववादियों को उत्तरी अमेरिकी देश के कथित समर्थन और भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप को लेकर भारत-कनाडा संबंधों में गहरा तनाव बना हुआ है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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