पंजाब
सीएम भगवंत मान का वादा- जालंधर में आएगा मेडिकल टूरिज्म, चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम
जालंधर। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को जालंधर में डॉक्टरों के साथ बैठक में पंजाब और विशेषकर जालंधर में मेडिकल टूरिज्म लाने का वादा किया। मान ने कहा कि यह चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र को नए आयाम देगा और एनआरआइ समुदाय को अपने घर के निकट इलाज कराने का अवसर देगा। मान ने कहा कि अभी भारत में दक्षिणी राज्यों में मेडिकल टूरिज्म है, लेकिन पंजाब की आप सरकार के पास स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी योजनाएं हैं।
सीएम मान ने कहा कि होशियारपुर व कपूरथला में दो मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। संगरूर में मेडिकल कॉलेज की जमीन का मुद्दा भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। पंजाब में नए सामुदायिक केंद्र भी लाने की योजना है। मान ने कहा कि पीजीआइ के डॉक्टरों पर काम का बहुत बोझ है।
यहां चार राज्यों जम्मू, पंजाब, हिमाचल, हरियाणा के अलावा चंडीगढ़ के मरीजों का इलाज होता है। उन्होंने कहा कि पंजाब को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने की जरूरत है। रूस-यूक्रेन के युद्ध के दौरान जब हमारे हजारों मेडिकल छात्र यूक्रेन में फंसे थे, तब मुझे इसकी जरूरत और भी ज्यादा महसूस हुई थी।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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