पंजाब
किसान आंदोलन में मारे गए शुभकरण सिंह के परिवार को CM मान ने दिए एक करोड़ रु, एक सदस्य को सरकारी नौकरी
चंडीगढ़। पंजाब के युवा किसान शुभकरण की किसानों के प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी। मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मृतक किसान शुभकरण के परिवार से मिले और उन्होंने परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। शुभकरण के परिजन मुख्यमंत्री आवास सीएम मान से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान परिवार को 1 करोड़ रुपये का चेक और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र भी दिया गया। शुभकरण की इसी साल फरवरी में किसान प्रदर्शन के दौरान मौत हुई थी।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान शुभकरण की मौत हुई थी। घटना 21 फरवरी को घटी थी। आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लगने से उसकी मौत हो गई। इस मामले में पंचकूला निवासी एडवोकेट उदय प्रताप सिंह ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच की मांग की थी।
सीएम भगवंत मान ने एक्स पर लिखा, किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से युवा किसान शुभकरण सिंह शहीद हो गए। शहीद किसान के परिवार से मुलाकात की…वादे के मुताबिक परिवार को 1 करोड़ रुपए का चेक दिया गया और सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र.. किसानों की अपनी सरकार हर दुख-सुख में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और खड़ी रहेगी।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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