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उत्तराखंड

नम्रता-गौरव के स्टार्ट-अप को मिला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का साथ, की आर्थिक मदद

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देहरादून। यमकेश्वर ब्लॉक के कंडवाल गांव में हेम्प से विभिन्न उत्पाद तैयार करने वाले गौरव व नम्रता को मशीन खरीदने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम विवेकाधीन कोष से 10 लाख रूपए की राशि का चेक प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशे से आर्किटेक्ट नम्रता व गौरव ने यमकेश्वर जैसे दूरदराज ब्लॉक के गांव में हेम्प से उत्पाद बनाने का स्टार्ट अप शुरू कर अन्य युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाई है। उन्होंने बताया है कि किस प्रकार से स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग कर स्वयं के साथ ही अन्य लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।

गौरव और नम्रता ने बताया कि वे दोनों दिल्ली में रहते थे। काफी रिसर्च के बाद उन्होंने पहाड़ में पाए जाने वाले हेम्प को रोजगार का साधन बनाने का निर्णय किया।

वर्तमान में वे इसके बीज के तेल से साबुन बना रहे हैं। इससे भवन निर्माण सामग्री भी बनाई जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को उनके द्वारा हेम्प से ग्रामीण आर्थिकी में सुधार पर जानकारी दी गई थी। मिनिस्ट्रि ऑफ हाउसिंग के स्पेशल पब्लिकेशन में ‘हेम्प की भवन निर्माण तकनीक’ पर उनकी रिसर्च पर लेख भी प्रकाशित हुआ था।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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