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उत्तराखंड

उत्तराखंड में भी लागू हो सकता है एनआरसीः त्रिवेंद्र सिंह रावत

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नई दिल्ली। असम में एनआरसी लागू होने के बाद अब उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपना राज्य में एनआरसी लागू करने की बात कही है।

सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेंद्र एनआरसी को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह अपने मंत्रिमंडल से विचार विमर्श करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो उत्तराखंड में भी एनआरसी लागू किया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि इसकी सीमाएं चीन और नेपाल से मिलती हैं।

गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी अपने राज्य में एनआरसी लागू करने की बात कही थी।

खट्टर के बयान का हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी समर्थन किया था। खट्टर का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा था, “जो मुख्यमंत्री ने कहा वह कानून है, विदेशियों को जाना होगा। यह सरकार की जिम्मेदारी कि वे उसकी पहचान करे।”

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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