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उत्तर प्रदेश

पोर्ट ब्लेयर का नाम श्री विजय पुरम करने को सीएम योगी ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

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लखनऊ। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा निर्णय लेते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम कर दिया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय को सीएम योगी ने ऐतिहासिक बताते हुए इसे 140 करोड़ भारतवासियों की भावना के अनुरूप बताया है।

सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय 140 करोड़ भारत वासियों की भावना के अनुरूप है। देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को आगे बढ़ाता यह ऐतिहासिक निर्णय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सभी बलिदानियों और सेनानियों को पूरे देश की ओर से समेकित श्रद्धांजलि है।”

उन्होंने आगे कहा, “स्वाधीनता संघर्ष में अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमें अपने देश के गौरवशाली अतीत और नेताजी सुभाष चंद्र बोस, ‘स्वातंत्र्यवीर’ वीर सावरकर जैसे मां भारती के अनेक अमर सपूतों के संघर्षों और बलिदानों की पावन स्मृतियों से जोड़ता है। अमृत काल में इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार और देश वासियों को बधाई।”

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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