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मुख्य समाचार

10 मार्च के बाद एक बार फिर हमारी बनने जा रही है पूर्ण बहुमत से सरकार

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ग़ाज़ियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक बार फिर विपक्ष पर भी हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का चेहरा सामने आ गया है, क्योंकि बुलंदशहर से लेकर कैराना और लोनी में उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने के बाद यह साफ हो गया है कि लोगों की संपत्ति को कब्जा करने वालों को आश्रय दिया गया है। उन्होंने कहा कि चंबल के लिए भी लेनदेन की बात सामने आ रही है। अभी तक लिस्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च को भारी बहुमत के साथ फिर से हमारी सरकार बनने जा रही है।
योगी आदित्यनाथ आज अपरान्ह गाजियाबाद पहुंचे। सबसे पहले वह शहर में स्थित कोविड-19 संतोष अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने पूरी स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री अस्पताल में करीब 20 मिनट तक मौजूद रहे।
इस दौरान वह मीडिया से भी रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को पूरे विश्व ने झेला है। वैज्ञानिकों के मुताबिक दूसरी लहर अधिक खतरनाक बताई गई। लेकिन समूचे प्रदेश में इसके लिए समुचित व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई गई।
उन्होंने कहा कि उन्होंने हर जगह की स्थिति का जायजा लिया और गाजियाबाद में भी वह पहली और दूसरी वेब के दौरान यहां पहुंचे थे। उधर अब तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है। हालांकि तीसरी वेब कम खतरनाक है। लेकिन बीमारी है तो सावधानी निश्चित तौर पर बरतनी होगी। जिसके लिए कई तरह की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक्टिव केस प्रदेश में 1 लाख से अधिक और गाजियाबाद में 10 हजार से अधिक हैं। भारत और राज्य सरकार के कारण जीविका और जीवन बचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं क्योंकि उन्होंने इस महामारी के दौरान वैक्सीन की दो डोज लोगों को मुहैया कराई। ऐसा पहली बार हुआ है जो किसी महामारी के दौरान वैक्सीन बनाई गई हो। उधर प्रदेश सरकार के द्वारा भी निरंतर इससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश में करीब 5 हजार 5 सौ से अधिक जगह पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा जिस तरह से सरकार इसे फैलने से रोकने के लिए जुटी हुई है ठीक उसी तरह आम लोगों को भी इसे फैलने से रोकने के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में वैक्सिनेशन का दुनिया का सबसे बड़ा अभियान चल रहा है। कल तक 157 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं और इसमें हमारे प्रदेश का बड़ा योगदान है, 57 करोड़ लोगों को प्रदेश में भी डोज दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि अभी तक आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद में फर्स्ट डोज करीब 98 प्रतिशत लोगों को दी जा चुकी है और 69 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज भी दी जाती है। इसके अलावा 15 से 18 वर्ष के नवयुवकों के लिए भी वैक्सीनेशन का कार्य जारी है और युवा भी बढ़-चढ़कर वैक्सीन की डोज ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के खिलाफ कुछ लोगों ने दुष्प्रचार भी किया और जिन्होंने दुष्प्रचार किया उन्होंने भी स्वीकार किया कि भारत की वैक्सीन अच्छी है और दुष्प्रचार करने वाले चारो खाने चित्त हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी वेब के दौरान और ऑक्सीजन का संकट देखने को मिला था। लेकिन एयरफोर्स के वायुयान और स्पेशल ट्रेनों के द्वारा लोगों की जान बचाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी 10,000 से अधिक टेस्ट प्रतिदिन गाजियाबाद में हो रहे हैं, 72000 प्रदेश में निगरानी कमेटियां बनाई गई हैं। गांव में प्रधान और शहर में पार्षद अध्यक्ष हैं जिनकी देखरेख में डोर टू डोर लगातार सर्वे भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी तक स्कूल कॉलेज बंद रखे गए हैं। फर्स्ट डोज सबको उपलब्ध कराए जाने के लिए अभियान जारी है।
अंत में मुख्यमंत्री ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए बनाए गए सबसे बड़े कॉविड टीकाकरण केंद्र इंग्राहम स्कूल का भी जायजा लिया तथा वहाँ की व्यवस्थाओं से वे संतुष्ट दिखाई दिए।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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