प्रादेशिक
सीएम योगी ने साधा विपक्ष पर निशाना, कही ये बात
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोगों को पांच वर्ष की सत्ता मिलती है तो पांच वर्ष सत्ता से बाहर रहने के बाद भी इनकम टैक्स की रेड में लोगों के घरों से दो-दो सौ करोड़ रुपया मिलता है। ये पैसा कहां का है। ये दो सौ करोड़ खेत और खलिहान से नहीं मिलते। जो लोग सत्ता से पांच वर्ष से दूर हैं। उनके पास ये पैसा मिलने का मतलब है कि जब वह सत्ता में थे तो उन्होंने खूब लूट खसोट किया।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा जनपद की बाह तहसील में उनके पैतृक गांव बटेश्वर धाम में श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर उन्होंने 230 करोड़ की 11 योजनाओं का लोकर्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि इन लोगों ने संस्कृत विद्यालयों का पैसा कब्रिस्तान के लिए दे दिया। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद एक सर्वे कराया गया कि संस्कृत के विद्यालयों में शिक्षक क्यों नहीं है तो पता चला पैसा नहीं है। तब हमने निर्णय किया कि संस्कृत के विद्यालयों में शिक्षक की तैनाती हो। आश्रम पद्धति से चलाये जाने वाले संस्कृत विद्यालय में छात्रावास की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में संस्कृत के शिक्षक नहीं रखे जाते थे। उर्दू अनुवादक रख जाते थे और उन्हें उर्दू भी नहीं आती थी, लेकिन रखना था तो खानापूर्ति के लिए उर्दू अनुवादक रखते थे।
उन्होंने कहा कि ये जो गरीब का पैसा था, जिसे आज प्रधानमंत्री मोदी हर गरीब को आवास योजना में उपलब्ध करा रहे हैं, वो पहले खा लिया जाता था। पहले भी अन्न योजना में गरीबों को अन्न दिया जा सकता था, पर नहीं मिलता था। पहले गरीबों का राशन खा जाते थे। आज गरीब को अन्न योजना का लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि गरीब का आशीर्वाद और हाय भी बहुत तेज़ लगती है। गरीब की कामना हमेशा फलदायी होती थी। पहले गरीबों को मिलने वाली विकास परियोजना का पैसा हड़प लिया जाता था और वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार सभी योजना का लाभ समाज के हर तबके को दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। अगर सोच संकुचित होगी तो कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकेंगे। यह बटेश्वर धाम पवित्र है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां अटल जी के पूर्वज आये थे। आज बटेश्वर धाम का समग्र विकास हो रहा है। अटल जी ने छह दशक तक मूल्यों और आदर्शों की राजनीति की। विरोधी भी उनके कायल थे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज जो हर गरीब को राशन की सुविधा मिल रही है, वो अंत्योदय योजना अटल जी ने दी थी। हाइवे की परिकल्पना अटल जी की देन थी। अटल जी का व्यक्तित्व विराट था। इस तीर्थ से जुड़कर यहां के लिए परियोजनाओं को देकर यहां विकास की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने का प्रयास हो रहा है। इस बटेश्वर धाम को उन्नत बनाने का सौभाग्य हमें मिला है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने भाजपा को वटवृक्ष बनाया इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि उनकी कीर्ति को आगे बढ़ाएं।
इसका लाभ बटेश्वर धाम को भी मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने प्रदेश अटल जी के जन्मदिन सुशासन दिवस पर लखनऊ में 60 हजार स्मार्टफोन, टैबलेट लखनऊ में बांटे हैं। अटल जी के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। आज अटल जी के नाम पर लखनऊ में साइंटिफिक कनवेशन सेंटर बनाया है। लोकभवन के बाहर एक विराट प्रतिमा अटल जी की लगवाई है। लखनऊ में अटल जी के नाम पर सबसे बड़े स्टेडियम इकाना का नाम रखा। उन्होंने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व महान था। इस मौके पर आज आप सभी बाह वासियों को आश्वस्त कर रहा हूं कि इस स्थान को एक धाम के रूप में विकसित करने का काम करेंगे। अटल जी के नाम पर यहां एक म्यूजियम भी बनवाएंगे। अटल जी भारत की राजनीति के अजातशत्रु थे। उन्होंने जनता से कहा कि अटल जी की भावना हिन्दू तन मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय को सभी लोग अंगीकार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अटल जी की भावनाओं के अनुरूप फतेहपुर सीकरी, बाह और बटेश्वर धाम का विकास करेंगे।
बटेश्वर धाम में बन रहा अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक संकुल
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बटेश्वर धाम में सांस्कृतितक संकुल का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए 1336.61 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस संकुल भवन में भूतल पर एक मल्टीपरपज हॉल तथा लायब्रेरी होगी। प्रथम तल पर ऑफिस, महिला तथा पुरुष डोरमेट्री है। भवन का निर्माण तेजी से चल रहा है। पैडस्टल एवं मूर्ति का कार्य प्रगति पर है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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