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रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं और जरूरतों का रखें ध्यान-सीएम योगी

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लखनऊ। कोविड से बचाव के इंतजाम, शीतलहर और ओलावृष्टि की स्थिति में जिलों की व्यवस्थाओं की पड़ताल के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आला अधिकारियों को शुक्रवार की टीम-9 की उच्‍चस्‍तरीय बैठक में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में ठंड से बचाव किए जाएं और चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना और कुपोषित बच्चे वाले परिवारों को गोवंश पालन के लिए दी जाने वाली मासिक 900 की राशि बकाया न रहे। उन्होंने अधिकारियों से इसकी समीक्षा करते हुए समय से भुगतान करने के निर्देश दिए।उन्होंने अस्‍पतालों, गौशालाओं व रैन बसेरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि शीतलहर और कोविड को देखते हुए असहाय, निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। पुलिस, राजस्व और नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके इलाज, भोजन की व्यवस्था करें। इनमें अगर संक्रमण की पुष्टि हो तो अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाए।

रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं और जरूरतों का रखें ध्यान-योगी

सीएम ने अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि मुफ्त खाद्यान्न वितरण का कार्य प्रदेश में सुचारु रखा जाए। एक भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न रहे। रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं और जरूरतों की पूरी व्यवस्था करें। सीएम ने कहा कि जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गौशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराएं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जनपदों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तरह ही वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे।

नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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