Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

हमारी सरकार में आज प्रदेश में सुरक्षा भी है और युवाओं के लिए नौकरी भीः सीएम योगी

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में साल 2017 के पहले युवाओं के लिए नौकरी नहीं थी महिलाओं के लिए सुरक्षा नहीं थी लेकिन जब 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली तब से डबल इंजन की सरकार में आज तक प्रदेश का तेज़ी से विकास हुआ है। ये बातें बुधवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रायबरेली में आयोजित जनसभा में कहीं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा के कार्यकाल में विकास का पैसा कहां चला जाता था पता भी नहीं चलता था लेकिन आज हमारी सरकार में एक और प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, हाईवे, एक्सप्रेस-वे, सड़क का तेज़ी से निर्माण हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है।

उन्‍होंने कहा कि समाजवादी सरकार में प्रदेश के लोगों को बिजली नहीं मिलती थी। न फ्री में दवा, न फ्री इलाज मिलता था पर हमारी सरकार में बिना भेदभाव फ्री में राशन, फ्री में टेस्‍ट, फ्री में टीकाकरण, फ्री में दवा मिल रही है। डबल इंजन की सरकार में लोगों को राशन की डबल डोज मिल रही है। वैक्सीन को मोदी योगी वैक्सीन और भाजपा की वैक्सीन बताने वालों को बताने का वक्‍त आ गया है कि वोट मोदी-योगी वैक्‍सीन को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये अवसर है वोट की चोट से इन लोगों का जवाब दीजिए। डबल इंजन की सरकार ने 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। रायबरेली में 81700 से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया गया। जिले के 3 लाख 60 हजार किसानों को पीएम किसान निधि का लाभ मिल रहा है। जिले में 50 हजार गरीबों को आवास, 95 हजार वृद्धजनों, 36 हजार निराश्रित महिलाओं को और 12 हजार दिव्‍यांगों को पेंशन का लाभ मिल रहा है।

*दो करोड़ युवाओं को देंगे टेबलेट- सीएम योगी*

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर 2 करोड़ युवाओं को टेबलेट दिया जाएगा, वहीं कॉलेज जाने वाली बेटियों को स्कूटी और 60 साल से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क परिवहन की सुविधा देने का संकल्प हमारी भारतीय जनता पार्टी ने लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने साल 2017 में जो संकल्प लिया था उसको पूरा भी करके दिखाया है। आज अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण का कार्य चल रहा है। समाजवादी पार्टी दंगावादी और परिवार वादी पार्टी है। जिसने अपने कार्यकाल में केवल सैफई परिवार का विकास किया। 2012 से 2017 के बीच जब युवाओं के लिए नौकरियां निकलती थी। तो यह चाचा भतीजे की जोड़ी वसूली पर निकल पड़ती थी युवाओं की नौकरी हड़पने का काम, गरीबों के राशन को हड़पने का काम, विकास के पैसे को हड़पने का काम, समाजवादी पार्टी ने किया है। लेकिन हमारी सरकार में आज प्रदेश में सुरक्षा भी है और युवाओं के लिए नौकरी भी है।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

Published

on

Loading

 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

Continue Reading

Trending