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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावितों की मदद को आगे बढ़ाया हाथ तो जीवन जीने को मिली नयी राह

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लखनऊ| पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश और नेपाल से छोड़े गये पानी ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तबाही मचायी। इस तबाही ने लोगों के सर से छत छीन ली, उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया, उन्हें अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और अपनी जान बचाने के लिए बाढ़ शरणालय का रुख करना पड़ा। इन परिस्थितियों में प्रभावित लाेगों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकट मोचक बनकर सामने आये। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों का दुख बांटते हुए उन्हें समुचित मुआवजा दिया, उनके रहने और खाने की उचित व्यवस्था कराई तो प्रभावितों को अपना आशियाना दोबारा बसाने के लिए जमीन के साथ मकान बनाने के लिए सहायता राशि प्रदान की। आपदा के दौरान अपनों को गंवाने वाले परिजनों को सहायता धनराशि देने के साथ उनका दुख साझा किया। सीएम योगी के हाथों से मिली इस राहत से लाभार्थियों को फिर से जीवन जीने की नयी राह मिली। उन्होंने सीएम योगी का आभार जताते हुए उन्हें प्रदेश का ही नहीं, बल्कि अपने घर का मुखिया भी बताया। लाभार्थियों ने बाढ़ के कारण हुए नुकसान और फिर योगी सरकार द्वारा दी गयी राहत को खुद बयां किया।

पहले की सरकारों में सिर्फ भरवाए जाते थे आवेदन फॉर्म, योगी सरकार में मिल रहा योजना का वास्तविक लाभ

बाढ़ की वजह से मेरे खेत में मोटी सिल्ट जमा हो गयी थी। इसको लेकर मैं काफी परेशान था क्योंकि बाढ़ का पानी सिल्ट के साथ कचरा और अन्य अपशिष्ट पदार्थ भी लेकर आया था। इस पर मुझे जानकारी मिली कि योगी सरकार खेत से सिल्ट हटाने के लिए भी सहायता धनराशि दे रही है। मैंने इसके लिए आवेदन किया और सर्वे के बाद अगले 24 घंटे में मेरे अकाउंट में सिल्ट हटाने के लिए योगी सरकार की ओर से 16,362 रुपये भेज दिये गये। मुझे इस मद में पहली बार सहायता धनराशि दी गयी है। इसके लिए मैं योगी सरकार का तहेदिल से धन्यवाद करता हूं। सिर्फ बाढ़ के दौरान ही नहीं प्रदेश में जब से योगी सरकार बनी है, मुझे हर योजना का लाभ दिया जा रहा है जबकि पहले की सरकारों में सिर्फ आवेदन फॉर्म ही भरवाए जाते थे।
राजेश कुमार, दीनापुरवा गांव, लखीमपुर खीरी

हम गरीबों के मसीहा हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

बाढ़ की वजह से मेरा खेत पानी से लबालब हो गया था। इससे फसल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। मैंने इसकी जानकारी राजस्व विभाग को दी। इस पर कुछ ही देर में राजस्व की टीम खेत पर पहुंची और सर्वे शुरू किया। सर्वे पूरा होने के बाद टीम वापस लौट गयी। मुझसे अधिकारियों ने बोला कि दो से तीन दिन में क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा अकाउंट में आ जाएगा। हैरानी की बात यह है कि अगले दिन ही मेरे खाते में क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा आ गया। यह देख मैं आश्चर्यचकित हो गया। इस दौरान स्थानीय लेखपाल ने फोन कर मुआवजा खाते में भेजे जाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हम गरीबों के लिए मसीहा हैं। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। वह हमारे मुखिया है, जो हमारी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
सुकुमार, सीतापुर

जब हम गरीबों का खुद ख्याल रख रहे सीएम योगी तो चिंता की क्या बात है

बाढ़ की चपेट में आने से मेरा घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। मुझे लगा कि मेरा सबकुछ लुट गया है, लेकिन योगी सरकार ने अगले 24 घंटे में क्षतिग्रस्त मकान को बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता धनराशि खाते में भेजी। इसे देख मेरी खुशी का ठिकाना न रहा। इतना ही नहीं कटान के चलते योगी सरकार ने मुझे दूसरी जगह घर बनाने के लिए जमीन भी दी। वहीं कुछ दिन बाद खुद मुख्यमंत्री हमारा दुख बांटने हमारे गांव आएं। साथ ही उन्होंने हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से सरकारी योजनाओं से जुड़ी अन्य सुविधाओं का भी लाभ दिया गया। धन्य है प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जो हम गरीबों का इतना ख्याल रखते हैं। ऐसे में जब वह हमारे बारे में इतना सोचते हैं तो हमें किस बात की चिंता।
सोहन लाल, पीलीभीत

पिछली सरकारों में मदद तो दूर कोई हालचाल तक नहीं लेता था

बाढ़ के पानी की वजह से मेरी गृहस्थी बर्बाद हो गई थी। वहीं मेरे पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था। इस पर जिला प्रशासन ने बाढ़ शरणालय में मेरे रहने और खाने की उचित व्यवस्था की। इस दौरान मुझे कभी लगा ही नहीं कि मैं अपने घर पर नहीं हूं। बाढ़ शरणालय में रहने वाले हर एक बाढ़ प्रभावित का विशेष ख्याल रखा जा रहा था। इतना ही नहीं बच्चों को दूध के साथ उनकी दवा और हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा था। वहीं रेस्क्यू टीम पूरी निष्ठा के साथ बाढ़ प्रभावितों की मदद में लगी रही। यह सब सीएम योगी की दूरदर्शी सोच से ही हो पाया है। वरना पिछली सरकारों में मदद तो दूर कोई हालचाल लेने भी नहीं आता था।
सज्जन लाल, रतनगंज, हरदोई

बाढ़ प्रभावितों की मदद को मुस्तैद योगी सरकार के मुख्य राहत कार्य एक नजर में

8 9,53,118 लोगों को अब तक राहत सहायता पहुंचायी गयी।
– 2,53,500 लोगों को अब तक खाद्यान्न पैकेट वितरित किये गये।
– जान गंवाने वाले 17 लोगों के परिजनों को दी गयी 4-4 लाख की सहायता राशि। *- 2638 लोगों को क्षतिग्रस्त मकान का मुआवजा दिया गया। वहीं कुछ लोगों को जमीन भी उपलब्ध करायी गयी।
– 2796 मेडिकल टीम द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। साथ ही दवा वितरित की जा रही है।
– 1 लाख 50 हजार से अधिक किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों को मुआवजा दिया गया।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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