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प्रादेशिक

योगी सरकार ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयार की 4 चरणों की रणनीति

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 के सम्बन्ध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संक्रमण की चेन को तोड़ने व प्रदेशवासियों को सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु वैक्सीनेशन कार्य तेजी के साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही उन्होंने इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार या डायरिया से जुड़े मामलों की आशंका को देखते हुए प्रत्येक जनपद में अंतर्विभागीय समन्वय रखते हुए युद्धस्तर पर संचारी रोग अभियान को आगे बढ़ाया जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोरोना की रोकथाम हेतु ‘108’ की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस डेडिकेटेड थीं, उसी तरह ‘102’ एम्बुलेंस बच्चों व महिलाओं के उपयोग में लाई जाएं। घर-घर बच्चों की मेडिकल किट वितरण की व्यवस्था की जाए।

इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर, हेल्थ सेंटर, PHC, CHC, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज या जहां पर भी उपचार की व्यवस्था होती रही है, उसकी तैयारी का अधिकारी निरीक्षण करें। ट्रेनिंग के कार्यक्रम पर नजर रखें और सभी कार्य समय पर पूर्ण होना सुनिश्चित करें।

उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को लेकर कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसको लेकर प्रत्येक जनपद में ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ बनाए गए हैं। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण सुनिश्चित करें।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते हमने 04 चरणों की रणनीति तैयार की है। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग व शुद्ध पेयजल आपूर्ति से जुड़े कार्य मार्च, 2020 से निरंतर संचालित हो रहे हैं।

जिस जनपद में एक भी कोरोना का सक्रिय मामला न हो और एक सप्ताह तक कोई भी कोरोना का केस दर्ज न हुआ हो, उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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